स्टेशन मास्टर ने की मदद जानकारी के अनुसार, रेशमा महरौली रेलवे स्टेशन के पास झुग्गी में रहती हैं। वह मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की रहने वाली हैं। गुरुवार रात को उसको प्रसव पीड़ा हुई। इस पर उसके पति 108 नंबर पर एंबलेंस को कॉल की। आरोप है कि फोन करने के दो घंटे बाद तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। हर बार उसको जवाब मिला कि एंबुलेंस बस थोड़ी देर में पहुंच रही है। एंबुलेंस नहीं आने पर पति ने स्टेशन मास्टर से संपर्क साधा। इसके बाद स्टेशन मास्टर ने 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पीआरवी 1003 मौके पर पहुंच गई।
टायर पंचर होने पर दूसरी गाड़ी बुलवाई पुलिसकर्मी महिला को गाड़ी में अस्पताल ले जाने लगे। इस दौरान गाड़ी का टायर पंचर हो गया। इस कारण फौरन पीसी-34 को बुलाया गया। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में महिला ने बेटी को जन्म दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने डिलीवरी में महिला की मदद की। डिलीवरी होने पर पुलिसकर्मी महिला को पुराना बस अड्डा स्थित एक नर्सिंगहोम ले गए। वहां बच्ची के कम वजन को देखते हुए उसको एंबुलेंस से जिला महिला अस्पताल भिजवाया गया। फिलहाल बच्ची अस्पताल में भर्ती है।
मामले की जानकारी से किया इंकार इस बारे में एंबुलेंस सेवा के जिला प्रभारी जयविंदर सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले की जानकारी ली है। उन्होंने इस तरह से कोई कॉल आने से इंकार कया है। बाकी मामले की जांच की जा रही है। वहीं, महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. दीपा त्यागी ने कहा कि बच्ची का वजन दो किलो है। उसको एसएनसीयू में भर्ती किया गया है। जल्द ही उसका वजन ठीक हो जाएगा। वहीं, सराहनीय कार्य करने के लिए पीआरवी 1003 को पीआरवी ऑफ द डे का खिताब दिया गया। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने का भी ऐलान किया है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस को गुरुवार रात को महरौली रेलवे स्टेशन के पास से गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा की सूचना मिली थी। पीआरवी गाड़ी का टायर पंचर होने पर कमांडर लोकेश ने पीसी-34 को बुलाया। अच्छा कार्य करने पर पीआरवी कमांडर लोकेश, राकेश कुमार, रश्मि, प्रियंका, अंकित कुमार और योगेश कुमार को सम्मानित किया जाएगा।