यह रेल यात्री और आम जनता दोनों के लिए खुला रहेगा। केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को इसका उद्घाटन किया। रेलवे ने ट्वीट करके इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। रेलवे के इस खास रेस्टोरेंट में वेज ( Veg ) और नॉनवेज ( Non Veg ) दोनों तरह का खाना परोसा जाएगा।
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पहले कोच में चाय-स्नैक्स और दूसरे में लंच-डिनर कर सकते है। जिस कोच में टी, स्नैक्स मुहैया कराई जाएगी उस कोच को चाय-चूं नाम दिया गया है। वहीं, दूसरे 42 सीटों वाले कोच में लोग नाश्ता, लंच और डिनर कर सकेंगे, उसका नाम वॉव भोजन रखा गया है।
रेल यात्रियों और आकर्षित करने के लिए रेल के दो मेमू कोच के आगे एक भाप का इंजन ( Engine ) भी लगाया गया है। रेलवे बोर्ड पुराने कोच को कबाड़ में बेचने के बजाए उनकी मरम्मत कर रेस्तरां का रूप देगा। नॉन फेयर रेवेन्यू (एनएफआर) नीति के तहत यह अतिरिक्त कमाई का जरिया बताया जा रहा है।
एक बार में इसमें लगभग 40 लोग अंदर बैठ सकते हैं और नाश्ता कर सकते हैं। रेलवे ने कोच की दीवार पर पेंटिंग्स लगाकर कोच के अंदरूनी हिस्सों को सजाया है। इसमें टाइपराइटर और दानापुर रेलवे स्टेशन की पुरानी तस्वीर व कुछ पुराने उपकरणों को भी रखा गया है।
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एनएफआर नीति के तहत रेलवे की आय बढ़ाने के मकसद से कबाड़ कोच को रेस्तरां में तब्दील कर रहा है। अगले पांच सालों में इन रेस्तरां से 50 लाख रुपये की कमाई होने की उम्मीद है। इसलिए भविष्य में देश के कई और रेलवे स्टेशन पर ऐसे ही रेस्टोरेंट देखने को मिलेंगे।