
राशन दुकानों के बंद होने से जनता बेहाल (Photo source- Patrika)
Ration shops closed: त्योहारी सीजन में जहां आमजन को आवश्यक वस्तुओं की जरूरत बढ़ गई है, वहीं उचित मूल्य की दुकानों (राशन दुकानों) के बंद रहने से गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले एक सप्ताह से राशन वितरण कार्य ठप है, क्योंकि दुकान संचालकों ने अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर 10 अक्टूबर तक वितरण रोकने का निर्णय लिया है।
राशन दुकान संचालकों का कहना है कि उनकी लंबे समय से लंबित मानदेय वृद्धि, कमीशन दर में सुधार, नियमितीकरण और परिवहन व्यवस्था से जुड़ी समस्याएं अब भी अनसुलझी हैं। छह सूत्रीय मांगों को लेकर वे चारामा से पदयात्रा करते हुए राजधानी रायपुर पहुंचेंगे और सरकार को ज्ञापन सौंपेंगे। दुकानदारों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन को आगे भी जारी रख सकते हैं। वहीं प्रशासनिक स्तर पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है, ताकि जनता को राहत के उपाय किए जा सकें।
1 अक्टूबर से राशन वितरण बंद होने से गरीब तबके के परिवारों, बीपीएल कार्ड धारकों को खाद्यान्न प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। त्योहारी मौसम में जरूरत के समय चावल, गेहूं और शक्कर जैसी जरूरी वस्तुओं की अनुपलब्धता से ग्रामीण इलाकों में नाराजगी भी बढ़ रही है।
लक्ष्मीबाई, उपभोक्ता, बड़े किलेपाल: त्योहार के समय राशन नहीं मिलने से घर का खर्च संभालना मुश्किल हो गया है। बच्चों के लिए जरूरी सामान तक नहीं ले पा रहे।
रामनाथ नेताम, उपभोक्ता सरगीपाल: हर महीने समय पर राशन मिलता था, लेकिन अब दुकान बंद होने से कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं।
सत्येंद्र यादव, उपभोक्ता जगदलपुर: सरकार और संचालकों को आपस में समाधान निकालना चाहिए ताकि आम जनता को दिक्कत न हो।
Published on:
07 Oct 2025 10:54 am
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