एसईसीएल ने कई कोयला खदानों में बॉयोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दिया है। सोमवार को चिरमिरी में बॉयोमेट्रिक हाजिरी का असर खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों पर देखने को मिला।
Read more :12 हाथियों का झुंड अजगरबहार-सतरेंगा मार्ग पर जमा, दहशत में हैं ग्रामीण श्रमिक लाइन में खड़े होकर हाजिरी दर्ज कराते दिखे गए। लाइन इतनी लंबी थी कि कर्मचारियों को थोड़ा वक्त लग गया। इसपर श्रमिकों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किया। श्रमिक नेताओं को कोसा। सोशल मीडिया पर चिरमिरी में बॉयोमेट्रिक की हाजिरी लगाने वाली तस्वीरें कोयला कर्मचारियों के बीच तेजी से वायरल हुई।
इसका कोरबा, गेवरा और दीपका में भी असर देखने को मिला। श्रमिक संगठनों ने बॉयोमेट्रिक पर रोक लगाने कि मांग की है। सीटू ने सभी एरिया के महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर बॉयोमेट्रिक हाजिरी पर रोक लगाने कि मांग की है। सीटू का कहना है कि कोयला कर्मचारियों की उपस्थित रजिस्टर पर दर्ज की जानी चाहिए। इसी आधार वेतन की गणना करने कि मांग की है।
श्रम न्यायालय में चल रहा विवाद
एसईसीएल में बायोमेट्रिक हाजिरी का विवाद श्रम न्यायालय पहुंच गया है। एटक, सीटू और एचएमएस ने बायोमेट्रिक हाजिरी को कोयला कानून के विपरित माना है। सुनवाई के दौरान श्रम न्यायालय ने एसईसीएल को बायोमेट्रिक के साथ रजिस्टर पर भी हाजिरी दर्ज करने के लिए कहा है। इसपर एसईसीएल ने अपना पक्ष रखा है।
28 मई को श्रम न्यायालय में सुनवाई होनी है। इसपर श्रमिक संगठन और प्रबंधन की नजर है। श्रमिक संगठनों को आशंका है कि कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ हुआ तो एसईसीएल प्रबंधन कोरबा, गेवरा और दीपका एरिया में भी बॉयोमेट्रिक को पूरी तरह लागू कर देगा। इसपर विरोध शुरू हो गया है।
हालांकि कोरबा, दीपका और गेवरा एरिया की सभी खदानों में प्रबंधन बॉयोमेट्रिक के साथ रजिस्टर पर भी कोयला कर्मियों की हाजिरी ले रहा है।