मंगलवार को अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में किसानों पर ज्यादती का मुआवजा उठाया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि महोबा में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फ़सल के मुआवज़े की मांग कर रहे किसानों पर हवाई फ़ायरिंग सरकार का कायराना कदम है। नोटबंदी में सरकार ने कहा था कि वे अमीरों से पैसे लेकर गरीबों को देगी पर ये भी ’15 लाख’ के वादे की तरह जुमला निकला। इसीलिए आज किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर है।
आठ फरवरी को अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को किसान-मजदूर और गरीब विरोधी पार्टी बताते हुए कई बार तीखे शब्दबाण छोड़े हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश के आपसी भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब को ख़त्म कर देना चाहती है। सरकार की वादा खिलाफी से टूटे किसान, बेरोज़गारी से जूझते नौजवान, बढ़ती मंहगाई व ध्वस्त कानून-व्यवस्था से प्रताड़ित आम इंसान। ऐसे नहीं चलने देंगे हम प्रदेश का निज़ाम। अन्याय के खिलाफ संघर्ष करके हर हाल में उनका हक दिलाएंगे।कमज़ोर की ताकत बन कुर्सी पर सोती सरकार जगाएंगे।