23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Ansal Group FIR Against: लखनऊ में अंसल कंपनी पर धोखाधड़ी का 214 वां FIR: चारु अग्रवाल ने 7 लाख की ठगी का लगाया आरोप

Ansal Group Fraud: लखनऊ की चर्चित अंसल कंपनी पर धोखाधड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गोमतीनगर निवासी चारु अग्रवाल ने प्लॉट बुकिंग के नाम पर ₹7 लाख की ठगी का आरोप लगाया है। यह इस कंपनी के खिलाफ दर्ज 214वीं FIR है। मामला सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र का है।

4 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Jun 23, 2025

महिला से प्लॉट के नाम पर ₹7 लाख की ठगी फोटो सोर्स : Social Media

महिला से प्लॉट के नाम पर ₹7 लाख की ठगी फोटो सोर्स : Social Media

Ansal Group Real Estate Fraud: सृष्टिकर्ताओं और आम जनता के बीच अंसल कंपनी (Ansal Properties & Infrastructure Ltd) के खिलाफ धोखाधड़ी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में नवाबगंज निवासी चारु अग्रवाल ने कंपनी के मालिकों और अधिकारियों के खिलाफ 214वां मुकदमा (FIR) दर्ज कराया है। आरोप है कि उन्हें ₹7 लाख की राशि एक प्लॉट बुकिंग के नाम पर धोखकर वापसी नहीं की गई।

यह भी पढ़े : CM योगी का एक्शन मोड, 127 PCS अधिकारियों को दी गई नई जिम्मेदारी

1. मामला क्या है

चारु अग्रवाल जो गोमती नगर की निवासी हैं, ने आरोप लगाया है कि उन्होंने वर्ष 2022 में कंपनी की "भरोसा योजना" के तहत एक प्लॉट बुक करवाया था। योजना के अनुसार, अग्रवाल को रजिस्ट्री व कब्जा मिलने की उम्मीद थी। हालांकि, संदेह के आधार पर जांच करने पर पता चला कि उसी प्लॉट के लिए कई अन्य लोग भी भुगतान कर चुके थे। जब चारु ने कब्जे और रजिस्ट्री की मांग की, तो कंपनी ने जवाब देने से इन्कार कर दिया और ₹7 लाख वापस नहीं किए।

यह भी पढ़े : बिजली निजीकरण के खिलाफ महापंचायत में गरजी आवाजें, कर्मियों ने भरी हुंकार, बिजली निजी हाथों में गई तो भरेंगे जेल

2. क्षेत्रीय शिकायतों में तेजी

यह शिकायत एकल मामला नहीं है, लखनऊ में पिछले कुछ महीनों में अंसल कंपनी के खिलाफ दर्ज FIR की संख्या 214 को पार कर गई। इसी थाना में कई अन्य शिकायतें भी दर्ज हुई हैं,जैसे एक रिटायर्ड मेजर ने भी आरोप लगाया कि "भरोसा योजना" के तहत बुक किये गए फ्लैट को कंपनी ने किसी और को बेच दिया

यह भी पढ़े : सिपाही से पहले 4543 दरोगाओं की होगी भर्ती: 24 हजार पदों पर भर्तियों का रास्ता साफ

3. अंसल के खिलाफ FIR की संख्या में तेजी

पिछले दो-तीन महीनों में लगभग 7 केस और दर्ज किए गए हैं, जिसमें यह नवीनतम चारु अग्रवाल की FIR शामिल है । पहले से दर्ज अन्य मुकदमों में यू.पी. के अन्य शहरों जैसे प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा में स्थित अंसल परिसरों में भी धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज हैं।कंपनी के खिलाफ ₹1.06 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का प्रारंभिक दावा दर्ज हुआ है इसके पहले तोटे गए ₹5.78 करोड़ के मामले में भी सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पाँच और FIR दर्ज हुई थी

यह भी पढ़े : सीएम योगी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ की सौगात: 18 महीने में तैयार होगी ग्रेटर नोएडा इंटरनेशनल फिल्म सिटी

4. आरोपों का स्वरूप

चारु अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने बहु-बिक्री की योजना लागू कर एक ही प्लॉट कई व्यक्तियों को बेच दिया।अग्रवाल से नकद ₹7 लाख लिए गए, लेकिन कब्ज व रजिस्ट्री नहीं मिली।जब अधिकार या दी गई राशि की मांग की गई, तब अधिकारियों और मालिकों ने अनदेखा किया। अनुरोध में उनका कहना था: “मैंने पैसे जमा किये पर न कब्ज मिला, न कोई समाधान किया गया।” यह वही आरोप हैं जिन्हें रिटायर्ड मेजर, रिटायर्ड कर्नल और अन्य शिकायतकर्ताओं ने भी तेज स्वर में दोहराया

यह भी पढ़े : काशी में पहली बार लगेगा 'हुनर का मेला', GI उत्पादों का होगा जलवा

5. कितनी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं

214 FIR दर्ज, जिसमें अब तक सौ से अधिक शिकायतकर्ता बंट चुके हैं। इन FIR में धोखाधड़ी, धोखाधड़ी दस्तावेज, कब्ज ना मिलना, जमीन डबल बिक्री, और भुगतान ले लेने के बड़े मामले शामिल हैं। रिकॉर्ड के अनुसार ₹5.78 करोड़ और ₹1.06 करोड़ की राशि बुकिंग व फ्लैट की सेवा में गबन हुआ

यह भी पढ़े : 48 घंटे में पूरे यूपी को घेर लेगा मानसून, भारी बारिश का अलर्ट जारी

6. शिकायतों में अन्य शामिल

सुशांत गोल्फ सिटी थाना में रिटायर्ड मेजर ने भी आरोप लगाया कि जो फ्लैट या प्लॉट वह “भरोसा” योजना में खरीदा था, उसे किसी तीसरे व्यक्ति को बेच दिया गया। हाईकोर्ट के स्टैंडिंग काउंसिल से संबंधित एक वरिष्ठ विधिक पेशेवर ने 2011 में रजिस्ट्री के बावजूद 14 साल बाद भी कब्जा न मिलने की शिकायत की। इससे स्पष्ट होता है कि शिकायतें समय की लम्बी सीमा तक फैली हैं।

यह भी पढ़े : बकरी पालन से बनेगा रोजगार का रास्ता, SC वर्ग को मिलेगी नई उड़ान

7. सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस की जांच

थाने के अधिकारी इस मामले को गम्भीरता से ले रहे हैं। चारु अग्रवाल सहित कई शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए गए हैं।FIR में आरोप तय करते हुए कंपनी मालिकों, निदेशकों और अधिकृत अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है।फिलहाल आरोपियों की पहचान और दस्तावेजों की आधिकारिक जांच जारी है।

यह भी पढ़े : पटरी से उतरी तबादला एक्सप्रेस: 1000 से ज्यादा तबादले रद्द, कर्मचारियों में नाराजगी

8. सवाल उठाए गए सवाल

रियल एस्टेट विश्लेषक और संपत्ति योजनाओं के प्रोफेसर महेश पांडे का कहना है कि यह मामला कई तरह के सवाल खड़े करता है। भरोसा योजना व अन्य ऑफर्स की पारदर्शिता कितनी थी? कंपनी ने जब कब्जे और रजिस्ट्री नहीं दी, तो राशि की वापसी क्यों नहीं की गई? राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल भारतीय नागरिकों को ऐसे फ्रॉड से कैसे बचाया जाए? कहा कि ग्राहक संपत्ति खरीदने से पहले कंपनी विवेचना न करें तो उनका पैसा जोखिम में पड़ सकता है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि रजिस्ट्री कराने से पहले भौतिक निरीक्षण व सत्यापन जरूर कराएं, भू-अधिग्रहण योजनाओं और ग्राहकों को योजनाबद्ध जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए।

यह भी पढ़े : लखनऊ को ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, 1000 करोड़ की लागत से बनेंगे 46 नए ओवरब्रिज

9. सरकार क्या कर सकती है

विशेषज्ञों और शिकायतकर्ताओं की राय है कि अंसल जैसे बिल्डरों को ग्राहक फंड' सीमा लागू होनी चाहिए।  रि‍यल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) कारणों की जांच तेज करें। ग्राहक शिकायत ट्रैकिंग डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संभव करें और मीडिया कंपनियों के हेल्पलाइन की फौरन सहायता मिले। शिकायत तुरंत RERA, पुलिस और कंज्यूमर कोर्ट में दर्ज करें।  दस्तावेज, भुगतानों की रसीदें और बातचीत का पता रखें। यदि मालिक कब्जा नहीं दे रहे, तो प्लॉट का पुनः लेखांकन और कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करें।