
चयन प्रक्रिया में और इंतजार फोटो सोर्स : Patrika
UPPSC Meeting Postponed: उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं में काम कर रहे तहसीलदारों के लिए सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) पद पर प्रोन्नति का सपना फिलहाल अधूरा ही रह गया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा 20 जून 2025 को प्रस्तावित विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक अंतिम समय में टाल दी गई है। यह डीपीसी वर्ष 2024-25 के लिए तहसीलदार से एसडीएम पद पर चयन हेतु बुलाई गई थी।
राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिक्तियों की सूची के अनुसार कार्यकारी शाखा में एसडीएम पद के लिए कुल 68 पद रिक्त घोषित किए गए थे। इन रिक्तियों के सापेक्ष तहसीलदारों के नामों पर विचार करना था और आयोग को प्रोन्नति के लिए उपयुक्त अधिकारियों का चयन करना था। मगर, अचानक डीपीसी को टाल दिए जाने से अधिकारियों में असमंजस और नाराजगी का माहौल है।
सूत्रों के अनुसार डीपीसी टालने के पीछे कोई तकनीकी कारण हो सकता है, लेकिन आयोग की ओर से कोई आधिकारिक कारण या नई तिथि की घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि नई तिथि तय होने में अभी समय लग सकता है, जिससे चयन प्रक्रिया और विलंबित हो सकती है। यह स्थिति उन अधिकारियों के लिए बेहद निराशाजनक है जो लंबे समय से प्रमोशन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यह भी पढ़े : मौसम बना मुसीबत: अमौसी एयरपोर्ट से उड़ानें ठप
उत्तर प्रदेश में तहसीलदार से एसडीएम पद पर प्रोन्नति के लिए होने वाली डीपीसी पहले भी कई बार टल चुकी है। नियमों के अनुसार, हर वर्ष प्रोन्नति सूची तैयार होनी चाहिए, मगर कई बार विभागीय एवं प्रशासनिक कारणों से चयन प्रक्रिया समय से नहीं हो पाती। इस बार आयोग ने 20 जून की तिथि तय की थी, जिससे उम्मीद जगी थी कि पदोन्नति प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, लेकिन अंतिम समय में इस पर ब्रेक लग गया।
डीपीसी टलने की खबर आने के बाद प्रोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे तहसीलदारों में मायूसी और नाराजगी देखने को मिल रही है। उनका कहना है कि वे वर्षों से एक ही पद पर काम कर रहे हैं और योग्यता होने के बावजूद उच्च पद पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। कई अधिकारी सेवानिवृत्ति के कगार पर हैं और समय पर पदोन्नति न होने से उन्हें वरिष्ठता और वेतन लाभ से भी वंचित होना पड़ सकता है।
चयन वर्ष 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोग को रिक्तियों की सूची भेजी गई थी, जिसे प्रोसेस कर 20 जून को डीपीसी के माध्यम से प्रक्रिया पूरी की जानी थी। यदि चयन प्रक्रिया में देरी होती है तो न केवल पदोन्नति पर असर पड़ेगा, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी सुस्ती आ सकती है। एसडीएम पद पर अनुभवी अधिकारियों की नियुक्ति न हो पाने से जिलों में उपजिलाधिकारियों के कार्यों पर प्रभाव पड़ सकता है।
प्रोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे अधिकारियों के संघों और संगठनों ने आयोग से शीघ्र डीपीसी आयोजित करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया बार-बार स्थगित होने से अधिकारियों का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने मांग की कि नई तिथि शीघ्र घोषित की जाए और पारदर्शी तरीके से पदोन्नति प्रक्रिया पूरी की जाए।
यह भी पढ़े : फिर लौटी बीएड की रौनक: सीटें घटीं, अभ्यर्थी बढ़े
प्रशासनिक विशेषज्ञों का मानना है कि एसडीएम जैसे अहम पदों पर समय पर नियुक्ति न होने से विकास कार्यों, कानून व्यवस्था और राजस्व वसूली जैसे कार्यों पर असर पड़ता है। तहसीलदार वर्षों से एक ही स्तर पर काम करते हुए थकान महसूस करने लगते हैं और उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। पदोन्नति उन्हें न केवल प्रोत्साहन देती है, बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ाती है।
डीपीसी की प्रक्रिया का बार-बार स्थगन उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। तहसीलदारों की पदोन्नति में देरी न केवल व्यक्तिगत स्तर पर हानि पहुँचाती है, बल्कि समूचे प्रशासनिक ढांचे को भी प्रभावित करती है। शासन और आयोग को इस विषय में शीघ्रता दिखानी चाहिए और एक स्पष्ट एवं पारदर्शी समयसीमा तय कर प्रक्रिया को पूर्ण करना चाहिए।
Published on:
22 Jun 2025 03:36 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
