
योगी सरकार ने तय किया लक्ष्य: 2029 तक यूपी को बनाएंगे देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था | निवेश, अधोसंरचना और क्षेत्रीय विकास पर खास फोकस
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश की तस्वीर अब पूरी तरह बदल चुकी है। कभी देश के पिछड़े राज्यों में गिने जाने वाले इस राज्य ने अब आर्थिक मोर्चे पर नए आयाम छूने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी अब देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। और सरकार की नजर अब अगले बड़े लक्ष्य पर है,2029 तक उत्तर प्रदेश को भारत की नंबर एक इकोनॉमी बनाना।
जब 2017 में योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभाला, तब यूपी देश की अर्थव्यवस्था में आठवें पायदान पर था। आज, आठ साल बाद यह राज्य दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है। यह सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक व्यापक नीति और विजन का परिणाम है, जिसमें निवेश, कानून-व्यवस्था, आधारभूत ढांचा और कारोबारी सुगमता को प्राथमिकता दी गई है।
2018 से अब तक राज्य में चार बड़े इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी हो चुकी हैं। इन आयोजनों के माध्यम से यूपी ने 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं। इस निवेश ने करीब 60 लाख युवाओं को रोजगार दिया है।
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2016-17 में उत्तर प्रदेश का जीएसडीपी 12.89 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 27.51 लाख करोड़ हो गया है। सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए 30.77 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। यह प्रगति दर्शाती है कि सरकार का ध्यान केवल आंकड़ों पर नहीं, बल्कि जमीनी विकास पर है।
योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे, एयरपोर्ट, मेट्रो, इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को रफ्तार दी है। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट,जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट,अगले कुछ महीनों में चालू होने की संभावना है, जो यूपी को वैश्विक व्यापारिक नक्शे पर मजबूती से स्थापित करेगा।
सीएम योगी का उद्देश्य है कि विकास केवल एक-दो शहरों तक सीमित न रहे। इसलिए NCR की तर्ज पर SCR (State Capital Region) का गठन किया गया है। इसके साथ-साथ बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए BIDA (Bundelkhand Industrial Development Authority) का निर्माण हुआ है, जिसमें 56,000 एकड़ में इंडस्ट्रियल हब बसाया जाएगा।
2024-25 में होने जा रही अगली इन्वेस्टर्स समिट के लिए सरकार देश-विदेश में रोड शो आयोजित करेगी। न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस, सिंगापुर, टोक्यो जैसे शहरों में निवेशकों से संवाद होगा। सरकार का लक्ष्य इस बार 33 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना है।
बेंगलुरु जैसे शहरों से टेक्नोलॉजी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है। दिल्ली ऑफिस विदेशी निवेशकों और दूतावासों से संपर्क बनाएगा, जबकि मुंबई ऑफिस कॉर्पोरेट निवेशकों पर केंद्रित होगा।
इन सभी पहलों का एकमात्र उद्देश्य है, उत्तर प्रदेश को वर्ष 2029 तक भारत की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाना। योगी सरकार ने जो नींव रखी है, वह राज्य को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि सामाजिक और औद्योगिक दृष्टि से भी सशक्त बनाएगी।
Published on:
25 Apr 2025 02:39 pm
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