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छात्रों को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, नए सत्र से टैबलेट से करेंगे पढ़ाई उल्लेखनीय है कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को आरटीओ दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं। जरूरी कागजों की जांच, बायोमीट्रिक फोटो व हस्ताक्षर के लिए आरटीओ कार्यालय जाना पड़ता है। विभाग की ओर से आरटीओ कार्यालय के कक्ष में ऑनलाइन परीक्षा भी ली जाती है। प्रतिदिन 300 स्लॉट बुक होते हैं और 350 रुपये शुल्क निर्धारित है। इसके अलावा बाहर दलालों के दलदल में फंसना पड़ता था वो अलग। इससे लोगों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ती है। हालांकि, अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया पब्लिक डोमेन में जाने से लोगों को सहूलियत मिलेगी। कहीं भी डेट लेकर परीक्षा दे सकते हैं। इसके लिए भारत सरकार से मंजूरी भी मिल गई है। लेकिन, अभी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।
कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले माह से नई व्यवस्था लागू की जा सकती है। इसके तहत लर्निंग डीएल बनवाने के लिए किसी भी इंटरनेट कैफे या घर पर ही ऑनलाइन परीक्षा दी जा सकेगी। आरटीओ मेरठ डॉ. विजय कुमार सिंह ने बताया कि डीएल बनाने की प्रक्रिया में बदलाव किया जाना है। अब आरटीओ दफ्तर आने की जरूरत लोगों को नहीं पड़ेगी। लोग घर बैठे अथवा किसी साइबर कैफे से आवेदन करने के बाद वहीं से परीक्षा भी दे सकेंगे। इस प्रक्रिया से कार्य में पारदर्शिता भी आएगी।
दलालों से मिलेगी मुक्ति अक्सर लोग आरोप लगाते हैं कि आरटीओ कार्यालय में काम कराने के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है। लोगों की सहूलियत और काम में पारदर्शिता के लिए सरकार की ओर से कवायद की जा रही है। विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जल्द शासन से निर्देश मिलने के बाद नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।