बताया जा रहा है कि विदेश मंत्री की इस यात्रा का मकसद एशियाई देशों में भारत की पहुंच को बढ़ाना है। बता दें कि विदेश मंत्री की यात्रा के बारे में बुधवार को विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी। जिसमें कहा गया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 2-3 अगस्त को कजाखिस्तान, 3-4 अगस्त को किर्गिस्तान तथा 4-5 अगस्त को उजबेकिस्तान में होंगी।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री के तौर पर इन देशों में सुषमा स्वराज की ये पहली यात्रा होगी। जानकारी है कि कजाखस्तान के अस्ताना में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कजाख विदेश मंत्री कैरात अब्द्राखमानोव से मुलाकात करेंगी। साथ ही कई अहम पहलुओं पर भी चर्चा होगी। वहीं खबर है कि सुषमा स्वराज कजाखस्तान में रह रहे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात करेंगी।
विदेश मंत्रालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि 2015 व 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कजाखस्तान के दौरे ने दोनों देशों के संबंध मजबूत किए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस दौरे के बाद अब इसे और मजबूती मिल जाएगी।
किर्गिजस्तान के बिशकेक में भी सुषमा स्वराज किर्गिज विदेश मंत्री इरलान अब्देलदेव से मुलाकात करेंगी और भारतीय समुदाय से बातचीत करेंगी। दौरे के तीसरे पड़ाव में सुषमा स्वराज चार अगस्त को उज्बेकिस्तान पहुचेंगी और उज्बेक विदेश मंत्री अब्दुल अजीज कामिलोव से मुलाकात करेंगी। साथ ही वहां रह रहे भारतीय समुदाय से भी वार्तालाप करेंगी।
सुषमा स्वराज का बड़ा खुलासा, पीएम मोदी ने वुहान दौरे पर ही सुलझा लिया था डोकलाम विवाद मंत्रालय से जारी एक बयान में ये भी कहा गया है कि विदेश मंत्री के इस दौरे से मध्य एशिया में भारत की भागीदारी बढ़ेगी और प्रगाढ़ रिश्ते भी कायम होंगे। यह मुलाकात वैश्विक स्तर पर राजनीतिक नेतृत्व के साथ गहन चर्चा करने का अवसर भी प्रदान करेगी।