इस सप्ताह मेें कर्ज से परेशान होकर किसान के आत्महत्या करने का यह दुसरा मामला सामने आया हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में एक किसान ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी। मृतक की जेब से पुलिस को दो पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार मोदी सरकार को बताया। मिली जानकारी के अनुसार मृतक किसान का नाम शंकर भाऊराव चायरे था। चायरे ने अपने पत्र में लिखा कि उसने कर्ज लेकर अपने नौ एकड़ के खेत में कपास की फसल लगाई थी लेकिन रोग लगने के कारण फसल खराब हो गई। चायरे ने अपने खत में इस बात का जिक्र किया कि उसने कर्जमाफी के लिए सरकारी अधिकारियों, सांसदों, विधायकों, मंत्रियों से मदद मांगी थी, लेकिन उनकी बात पर कोई ध्यान नहीें दिया गया।
चायरे को कर्ज चुकाने में बहुत परेशानी हो रही थी इसलिए उन्होंने अपनी जान देने का निर्णय लिया। बताया जा रहा है चायरे ने खेत में एक पेड़ पर लटकर जान देने की कोशिश की लेकिन रस्सी टूट गई जिसके बाद उन्होंने जहर खा लिया। चायरे बेहोश होकर गिर पड़े। लोग उन्हें स्थानीय अस्पताल लेकर गए जहां से उन्हें यवतमाल के एक अस्पताल में रैफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
किसानों की कर्जमाफी के लिए महाराष्ट्र सरकार कर रही लगातार प्रयास
विदित हो कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र सरकार किसानों की कर्जमाफी के लिए कायदे-कानून बनाने में जुटी है, लेकिन वह राज्य में किसानों की आत्महत्या पर विराम लगाने में असमर्थ ही रही है। हालांकि सरकार किसानों को कर्ज के उबारने के लिए प्रयासरत है। इसके बावजूद राज्य में कर्ज तले डूबे किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है।