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जेतून को रास नहीं आ रही आबो हवा

locationनागौरPublished: Sep 03, 2018 06:20:48 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

बाकलिया में हाईवे के किनारे कई बीघा में खड़े जेतून के वृक्षों को वहां की आबोहवा रास नहीं आ रही है

Ladnu News

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लाडनूं. गांव बाकलिया में हाईवे के किनारे कई बीघा में खड़े जेतून के वृक्षों को वहां की आबोहवा रास नहीं आ रही है। इसके चलते पौधों के गत कई वर्षों के फल नहीं लग रहे हैं। लाखों रुपए खर्च कर यहां स्थापित किए गए जेतून फार्म से वर्तमान में कोई पैदावार नहीं मिल पा रही है। फार्म में जेतून का उत्पादन एक दम बंद सा हो गया है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 में बाकलिया में जेतून फार्म स्थापित किया गया था। उस दौरान फार्म में लगाने के लिए इजराइल से 13 हजार 500 पौधे लाए गए थे। पौधों पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे। इन पौधों में वर्ष 2014-2015 तक जेतून के कई टन फल लगे। उसके बाद इन पौधों में फल लगने कम हो गए। गत करीब दो-तीन सालों से जेतून के पौधों में बिल्कुल भी फल नहीं लग रहे हैं। इस पर इजराइल से आए तकनीकी विशेषज्ञ ने यहां के पानी व मौसम को इसके लिए जिम्मेदार माना। यहां का पानी खारा होने व सर्दी कम पडऩे के कारण पौधों में फल आने बंद हो गए। जबकि जेतून के पौधे को ठण्डा मौसम व अच्छी क्वालिटी का पानी चाहिए होता है।

ये होता है फायदा

जानकारों की मानें तो जेतून में ओमेगा थ्री फेटिएसिस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में इसका तेल हार्ट के रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है। यह तेल कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करता है। इसके अलावा यह तेल बच्चों के मालिश करने में भी काम में लिया जाता है। बाजार में यह करीब 700 से 900 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है। जेतून के फल से 10 से 14 प्रतिशत तेल निकलता है।

फार्म में लगे है आठ किस्म के पौधे

जानकारी के अनुसार फार्म में जेतून की आठ किस्म के पौधे लगे हैं। इनमें बरनिया, पिकवाल, पिस्यूलीन, फ्रंटआयो, अरबी क्यूना, कोर्टिना, लेचीनो आदि शामिल है। बाकलिया के अलावा लूणकरणसर, अनूपगढ़, झुंझुनूं के बास बिसना, अलवर के तिनकीरुड़ी में जेतून फार्म है। वहीं जालौर व जयपुर के जेतून फार्म को बंद कर दिया गया है।

इनका कहना
सर्दी कम पडऩे व पानी की क्वालिटी में लगातार गिरावट आने के कारण बाकलिया में लगे जेतून फार्म में गत दो वर्ष से उत्पादन प्रभावित हुआ है। पौधों के फल नहीं लगे हैं। पानी की क्वालिटी में सुधार के लिए विदेश से नई तकनीक की मशीन मंगवाई गई है। शीघ्र ही स्थापित की जाएगी।

-योगेश कुमार वर्मा, सीओओ, राजस्थान ओलिव कल्टीवेशन लिमिटेड।

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