हालांकि बी एस येदियुरप्पा ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष के काम करने के अंदाज पर हम कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन 10 जुलाई को गांधी मूर्ति के सामने भाजपा विधायक धरना देंगे । इसी बीच कर्नाटक में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल स्पीकर से मिलने गया था। लेकिन विधानसभा स्पीकर ने मिलने से इनकार कर दिया है । प्रतिनिधिमंडल मिले बिना वापस लौट गया।
8 विधायकों के इस्तीफे नियम विरुद्ध- स्पीकर
वहीं स्पीकर ने 13 विधायकों के इस्तीफे पर भी सवाल खड़े किए हैं। विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि बागी विधायकों ने बिना मुलाकात किए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इसमें 13 में से 8 विधायकों के इस्तीफे पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है। 5 विधायक हमसे मिलने आ रहे हैं। उनकी समस्या सुनने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
बहुमत परीक्षण के लिए नहीं जाएंगे बागी विधायक
वहीं बागी विधायकों की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है। बागी विधायकों का कहना है कि बहुमत परीक्षण के लिए वो विधानसभा में नहीं जाएंगे। बता दें कि बागी विधायक गोवा में हैं।
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सिद्धारमैया का भाजपा पर आरोप
वहीं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक में सियासी संकट के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा की सिर्फ प्रदेश इकाई ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर के पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे नेता भी शामिल हैं। सिद्धारमैया ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश पर कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का काम जारी है। सरकार को अस्थिर करना भाजपा की आदत रही है। यह अलोकतांत्रिक है, जनता ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए जनादेश नहीं दिया था।
कर्नाटक में गहराया सियासी संकट
गौरतलब है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों ने सामूहिक तौर से इस्तीफा सौंप दिया है। जिसके बाद राज्य में सियासी माहौल गर्म है। सत्तारूढ़ दल भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा रहा है तो मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा इसके लिए सीधे-सीधे सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। भाजपा का कहना है कि सरकार में विधायकों की अनदेखी की वजह से यह माहौल बना है।