रामलला की पूजा के लिए स्वामी ने मांगा हक, कोर्ट ने कहा- पहले मस्जिद और इस्लाम पर फैसला आने दीजिए बांग्लादेश ने भी लगाई थी भारत से गुहार पिछले महीने राज्य सरकारों को लिखे एक पत्र में केंद्र ने कहा था कि गैरकानूनी प्रवासियों को देश में घुसने से रोका जाए। हाल ही में भारत दौरे पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने में भारत से अहम भूमिका निभाने की उम्मीद जताई थी। गौरतलब है कि म्यांमार में आंतरिक हिंसा के बाद रोहिंग्याओं ने दूसरे देशों का रुख किया था। बांग्लादेश में हजारों की तादाद में रोहिंग्याओं ने शरण ली थी। इसके बाद कई तरह की समस्याएं नजर सामने आई थीं।
मॉब लिंचिंग मामले में महबूबा मुफ्ती बोलीं, ‘ऐसे तो किसी दिन रेप भी जायज ठहराया जाएगा’ ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है रोहिंग्या’ भारत सरकार ने इससे पहले भी कई बार रोहिंग्या से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने की बात कही है। म्यांमार से भागे रोहिंग्याओं में से अधिकांश भारत में जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में रह रहे हैं। भारत में इस मुद्दे पर लंबे समय से बहस चलती रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी रोहिंग्याओं को लेकर टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि रोहिंग्या सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं।