scriptकांग्रेस में कलह: सिद्धू के विरोध में पंजाब कांग्रेस के सांसद आज दिल्ली में पहुंच रहे | Punjab Congress MPs reaching Delhi today to protest against Sidhu | Patrika News

कांग्रेस में कलह: सिद्धू के विरोध में पंजाब कांग्रेस के सांसद आज दिल्ली में पहुंच रहे

Published: Jul 18, 2021 12:29:47 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

सिद्धू के विरोधी एकजुट होने लगे हैं। रविवार को सभी सांसदों के दिल्ली में जुटने की खबर है। ये सभी सिद्धू को प्रदेश की कमान सौंपने का विरोध करेंगे।
 

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नई दिल्ली।

पंजाब में कांग्रेस पार्टी में मचा घमासान अभी लंबा चलेगा। सिद्धू को आलाकमान की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बाद विवाद और बढ़ गया है। इसके बाद से ही सिद्धू के विरोधी एकजुट होने लगे हैं। रविवार को सभी सांसदों के दिल्ली में जुटने की खबर है। ये सभी सिद्धू को प्रदेश की कमान सौंपने का विरोध करेंगे। इससे पहले, माना जा रहा था कि शनिवार को कांग्रेस यहां चल रही खींचतान को लेकर कोई अंतिम फैसला लेगी, मगर देरशाम तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। हां, नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह अपना-अपना खेमा जरूर मजबूत करते नजर आए। दोनों अपने-अपने धुर विरोधियों के साथ भी गले मिलते दिखाई दिए।
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वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यहां तक कह दिया है कि वे हार मानने वाले नहीं हैं। उन्होंने समर्थकों से स्पष्ट शब्दों में कहा, मैं फौजी हूं और मैं कभी युद्ध का मैदान नहीं छोड़ता। इससे कैप्टन ने यह संकेत दे दिया है कि वह लड़ाई अभी खत्म नहीं करेंगे। शनिवार को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने विरोधी और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा और विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह भी मुलाकात कर यह जता दिया था कि वे इस लड़ाई को किसी भी हद तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिस वक्त मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को पता चला कि नवजोत सिंह सिद्धू उनसे मिलेंगे, उन्होंने चंडीगढ़ का दौरा कर रहे प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से बात की। कैप्टन ने कहा कि वह बयान देने के लिए तैयार हैं कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर सोनिया गांधी के फैसले को स्वीकार किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो कैप्टन ने कहा कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे, जब तक पूर्व वह उनके खिलाफ दिए गए बयानों को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते। उन्होंने आगे कहा, मेरे ऊपर किए गए खुलासे और सार्वजनिक बयानों ने पंजाब में कांग्रेस पार्टी को अपूरणीय क्षति पहुंचाई थी और यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण था, जिस तरह से दिल्ली से पंजाब को नियंत्रित किया जा रहा था।
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]कुछ दिन पहले ही पंजाब के सीएम ने बयान जारी कर कहा था कि उनके रिटायर होने का सवाल ही नहीं है। दरअसल, उनके सख्त रुख ने कांग्रेस पार्टी को भी यह स्पष्ट करने के लिए मजबूर कर दिया है कि आगामी चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
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