भाजपा को बड़ी राहत
इससे पहले पालघर उपचुनाव हारने के बाद से शिवसेना से भाजपा से लगभग नाता तोड़ लिया था। पार्टी महाराष्ट्र में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। इसके बाद हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुम्बई पहुंचकर उद्धव ठाकरे से उनके घर मातो श्री पर मुलाकात की थी। दो बार की मुलाकात में यह स्पष्ट नहीं हो हुआ कि एनडीए में सबसे पुराना सहयोगी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेगा या अलग-अलग। हालांकि मुम्बई से शाह के वापस लौटने के बाद शिवसेना से साफ कर दिया था कि वो इस बार चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना के इस रुख से भाजपा असमंजस में थी। एनडीए दरार से मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनने लगी थी। लेकिन शिवसेना के इस निर्णय से भाजपा ने राहत की सांस ली है।
इससे पहले पालघर उपचुनाव हारने के बाद से शिवसेना से भाजपा से लगभग नाता तोड़ लिया था। पार्टी महाराष्ट्र में अकेले दम पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुकी है। इसके बाद हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मुम्बई पहुंचकर उद्धव ठाकरे से उनके घर मातो श्री पर मुलाकात की थी। दो बार की मुलाकात में यह स्पष्ट नहीं हो हुआ कि एनडीए में सबसे पुराना सहयोगी लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेगा या अलग-अलग। हालांकि मुम्बई से शाह के वापस लौटने के बाद शिवसेना से साफ कर दिया था कि वो इस बार चुनाव अकेले लड़ेगी। शिवसेना के इस रुख से भाजपा असमंजस में थी। एनडीए दरार से मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनने लगी थी। लेकिन शिवसेना के इस निर्णय से भाजपा ने राहत की सांस ली है।
मजबूत बनकर उभरेंगे पीएम मोदी
आपको बता दें कि बुधवार को मॉनसून सत्र शुरू हुआ था। मॉनसून सत्र के पहले दिन आंध्र के मुद्दे पर कांग्रेस समर्थित टीडीपी का अविश्वास प्रस्ताव भी सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया। इस घटना के बाद विपक्षी खेमे में खुशी की लहर दौर गई। बुधवार से ही मैजिक नंबर को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई। भाजपा ने बहुमत होने का दावा कल ही कर दिया था। आज शिवसेना ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी। इतना ही एआईएडीएमके ने भी मोदी सरकार के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया है। इन घटनाक्रमों के बाद यह तय हो गया है कि अब विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। इस राजनीतिक उठापटक से मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले ताकत देने का काम करेगी।
आपको बता दें कि बुधवार को मॉनसून सत्र शुरू हुआ था। मॉनसून सत्र के पहले दिन आंध्र के मुद्दे पर कांग्रेस समर्थित टीडीपी का अविश्वास प्रस्ताव भी सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया। इस घटना के बाद विपक्षी खेमे में खुशी की लहर दौर गई। बुधवार से ही मैजिक नंबर को लेकर खींचतान भी शुरू हो गई। भाजपा ने बहुमत होने का दावा कल ही कर दिया था। आज शिवसेना ने भी समर्थन देने की घोषणा कर दी। इतना ही एआईएडीएमके ने भी मोदी सरकार के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया है। इन घटनाक्रमों के बाद यह तय हो गया है कि अब विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। इस राजनीतिक उठापटक से मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले ताकत देने का काम करेगी।