
UP Weather Alert
Raebareli Weather Rain: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित पूरे अवध क्षेत्र में मंगलवार सुबह मौसम ने अचानक करवट ले ली। हल्की से मध्यम बारिश ने जहां लोगों को कुछ राहत दी, वहीं बादलों की गड़गड़ाहट और बिजली की चमक ने लोगों को सचेत भी कर दिया। मौसम विभाग ने प्रदेश के 20 जिलों में बारिश और वज्रपात (बिजली गिरने) का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
लखनऊ में तड़के से ही आसमान में काले बादल छाए रहे। कुछ ही घंटों में बूंदाबांदी शुरू हो गई और सुबह का वातावरण एकदम ठंडा और रूमानी हो गया। आमजन और स्कूली बच्चे हल्की बारिश में भीगते हुए नजर आए। गर्मी से परेशान लोगों के चेहरों पर राहत दिखी। हालांकि यह बारिश बहुत देर तक नहीं चली और दोपहर तक मौसम फिर से साफ होने लगा। लेकिन इस हल्की बारिश ने यह संकेत जरूर दे दिया कि पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) अभी उत्तर भारत पर सक्रिय है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, यह मौसमी परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ के कारण है, जो उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों से होकर आगे बढ़ रहा है। हालांकि, अगले 48 घंटों में इसका असर कमजोर पड़ जाएगा। इसका मतलब है कि बारिश का दायरा धीरे-धीरे सिमट जाएगा और इसके बाद गर्म हवाएँ (लू) प्रदेश में अपना असर दिखाना शुरू करेंगी।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मई का मध्य भाग बेहद गर्म और शुष्क रहेगा। खासकर लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में तापमान 42-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और बादलों का जो असर अभी कुछ समय के लिए है, वह समाप्त होते ही लू और तेज धूप का प्रकोप शुरू हो जाएगा। मौसम वैज्ञानिकों ने लोगों से धूप में अनावश्यक न निकलने और पर्याप्त जल सेवन की सलाह दी है।
हल्की बारिश ने धान और सब्जियों की खेती के लिए थोड़ी राहत दी है, लेकिन अचानक तेज गर्मी लौटने की संभावना ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि खेतों में जल संतुलन बनाए रखें और फसल को तेज धूप से बचाने के उपाय करें।
लखनऊ और आसपास के शहरों में बारिश के कारण कुछ इलाकों में हल्की जलभराव की स्थिति बनी, लेकिन फिलहाल कहीं से कोई बड़ा हादसा या ट्रैफिक अवरोध की सूचना नहीं है। पुलिस और ट्रैफिक कंट्रोल रूम अलर्ट मोड पर हैं।
लखनऊ निवासी सीमा श्रीवास्तव कहती हैं, “इस बारिश ने कुछ राहत दी है, लेकिन हमें मालूम है कि मई की असली गर्मी अभी बाकी है।” वहीं अमेठी के निवासी राजेश यादव कहते हैं, “अचानक कीचड़ और फिसलन से दिक्कत जरूर हुई, लेकिन दो-तीन दिन की ठंडक भी जरूरी थी।”
Updated on:
08 May 2025 02:47 pm
Published on:
08 May 2025 02:35 pm
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