
Watch VIDEO call of Kamal Nath government of innocent children
रतलाम। राष्ट्रपति पदक प्राप्त शासकीय मलवासा हाई स्कूल के प्राचार्य के निलंबन के मामले में अब स्कूल के मासूम बच्चे प्राचार्य के समर्थन में सड़क पर उतर गए है। रतलाम जिले के मलवासा में प्राचार्य को उज्जैन संभाग आयुक्त ने तब निंलंबित किया जब प्राचार्य ने एक संस्था के द्वारा बच्चों को स्कूल में कापियां नि:शुल्क बांटने दी। इन पुस्तक कापी पर वीर सावरकर के फोटो अंकित थे।
राष्ट्रपति पदक प्राप्त शासकीय मलवासा हाई स्कूल के प्राचार्य का निलंबन अब शासन-प्रशासन के गले की हड्डी बन गया है। प्राचार्य की बहाली को लेकर गुरुवार को स्कूल के बच्चे फिर सड़क पर आ गए और मलवासा-खाचरोद रोड पर बैठ चक्काजाम कर दिया। जाम की सूचना पर तहसीलदार प्रेमशंकर पटेल पहुंचे और बच्चों को समझाना चाहा, काफी देर बाद आश्वासन पर बात बनी और बच्चे सड़क से उठकर फिर से स्कूल में पहुंचे।
रैली निकाली और फिर लगाया जाम
मलवासा में सुबह स्कूल पहुंचे बच्चों ने दोपहर 12 बजे स्कूल से रैली निकाली और फिर मलवासा-खाचरोद रोड पर बैठ जाम लगा दिया। सूचना पर तहसीलदार आए और बच्चों को समझाने का प्रयास किया। काफी देर चली बहस के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी ने स्टाफ व बच्चों से चर्चा कर समझाइश दी और जाम खुलवाया। बच्चों का स्पष्ट कहना था कि उन्हंे सिर्फ उनके सर चाहिए। यदि वीरसावरकर वाली कॉपी बंटवाना अपराध है तो उनके द्वारा उसे लिया है, एेसे में वह भी अपराधी है। उन्हें भी सजा मिलना चाहिए, उन्हें भी स्कूल से निकाल दिया जाए।
कॉपियां बांटने का उद्देश्य पढ़ाई में सहयोग
वहीं दूसरी ओर रतलाम शहर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने शहर में कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। यहां बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं व संगठन से जुड़े लोग पहुंचे। प्रदर्शन के बाद उनके द्वारा राज्यपाल के नाम तहसीलदार गोपाल सोनी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया कि किसी भी संस्था द्वारा बच्चों को कॉपियां बांटने का उद्देश्य केवल पढ़ाई में सहयोग की भावना को दर्शाता है। इसके लिए किसी का निलंबन करना ठीक नहीं है। यदि सात दिन के भीतर निलंबन वापस लेकर प्राचार्य को नियुक्त नहीं किया तो परिषद् पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी, जिसकी समस्त जवाबदारी प्रदेश सरकार की होगी।
तो भी है दोषी
ये प्रदर्शन हमारे सर के लिए है, जिनके नहीं आने से हम फेल हो सकते हैं। वीर सावरकर की बुक के कारण उन्हें निलंबित कर दिया है, उनका मकसद स्कूल में राजनीति करना नहीं था। हमारे भविष्य के लिए बुक ली थी, यदि उन्हें निकाल दिया है, तो हमने भी बुक ली है, हमें भी निकाल दो। कल सर नहीं आए तो हम प्री-बोर्ड की परीक्षा नहीं देंगे।
कक्षा 9 वीं की छात्रा
Updated on:
17 Jan 2020 10:26 am
Published on:
17 Jan 2020 10:23 am
बड़ी खबरें
View Allरतलाम
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
