इसलिए होती दिक्कत
नर्वस सिस्टम से जुड़ी कुछ खास नसें जो शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारू तौर पर करने के लिए प्रेरित करती हैं, हमारे शरीर के सिस्टम से भी जुड़ी होती हैं। तापमान में गिरावट होने पर ये नसें व अन्य रक्तवाहिनियां शरीर से होने वाले हीट लॉस को रोकने के लिए सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में संबंधित हिस्से में रक्त का तापमान कम होने से जोड़ों में अकडऩ आ जाती है। सर्दियों में जोड़ों के पास मौजूद इन खास नसों में सक्रियता अधिक होने से दर्द बढऩे लगता है।
नर्वस सिस्टम से जुड़ी कुछ खास नसें जो शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सुचारू तौर पर करने के लिए प्रेरित करती हैं, हमारे शरीर के सिस्टम से भी जुड़ी होती हैं। तापमान में गिरावट होने पर ये नसें व अन्य रक्तवाहिनियां शरीर से होने वाले हीट लॉस को रोकने के लिए सिकुडऩे लगती हैं। ऐसे में संबंधित हिस्से में रक्त का तापमान कम होने से जोड़ों में अकडऩ आ जाती है। सर्दियों में जोड़ों के पास मौजूद इन खास नसों में सक्रियता अधिक होने से दर्द बढऩे लगता है।
ऐसा रखें खानपान
इनसे दर्द दूर : अदरक, यूकेलिप्टस, लहसुन, अजवाइन, तिल और हल्दी को भोजन में शामिल करने से जोड़ों में दर्द की समस्या को दूर किया जा सकता है। इनमें एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो तकलीफ को दूर करने में मदद करते हैं। जोड़ों में दर्द, खांसी, जुकाम, नजला, सिरदर्द आदि में ये चीजें काफी गुणकारी होती हैं। इनसे रक्तप्रवाह नियमित रहता है।
चमकदार त्वचा : इस मौसम में सर्द हवाओं के कारण त्वचा रूखी और बेजान होने लगती है। ऐसे में इसकी देखभाल जरूरी है वर्ना त्वचा के फटने और दरारें आने से इनसे खून भी आ सकता है। डाइट में अनार, अखरोट, शकरकंद, खट्टे फल, सूरजमुखी के फूल और आंवला खाना फायदेमंद है।
ऊर्जा बढ़ाएं : मौसम के अनुसार डाइट में ऐसी चीजों को खासतौर पर शामिल करें जो ऊर्जा बढ़ाने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए व खून की कमी दूर करे। जैसे खजूर, मक्का व बाजरे का आटा, सरसों का साग, पालक, मेथी आदि। खजूर को दूध में उबालकर पीना लाभदायक है। इससे मांसपेशियों में ताकत आने के साथ शरीर का तापमान सामान्य रहता है। हरी पत्तेदार सब्जियों को सब्जी, परांठे और सूप के रूप में बनाकर भी खाया व पीया जा सकता है।
ये ध्यान रखें कमजोर इम्युनिटी और जो लोग किसी रोग से पीडि़त हैं वे नियमित अपनी दवाएं लें।
इस मौसम में शरीर का पोश्चर सही न होने से जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए जितना हो ऑफिस या घर कहीं भी कमर सीधी करके बैठें। साथ ही उठते-बैठते समय शरीर का पोश्चर सही रखें।
दिनभर का कुछ समय सूरज की सीधी किरणों में बैठने के लिए निकालें। इससे विटामिन-डी मिलेगा और हड्डियां मजबूत होंगी। साथ ही विषैले तत्त्व बाहर निकल जाएंगे।
कैमिकलयुक्त क्रीम या मॉइश्चर लगाने के बजाय एलोवेरा जेल या नारियल तेल लगाएं। चमक बढ़ेगी।
नेचुरल चीजें खाएं। जैसे आंवला, गिलोय, तुलसी के कुछ पत्ते, कालीमिर्च, अदरक आदि।
इस मौसम में शरीर का पोश्चर सही न होने से जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है। इसलिए जितना हो ऑफिस या घर कहीं भी कमर सीधी करके बैठें। साथ ही उठते-बैठते समय शरीर का पोश्चर सही रखें।
दिनभर का कुछ समय सूरज की सीधी किरणों में बैठने के लिए निकालें। इससे विटामिन-डी मिलेगा और हड्डियां मजबूत होंगी। साथ ही विषैले तत्त्व बाहर निकल जाएंगे।
कैमिकलयुक्त क्रीम या मॉइश्चर लगाने के बजाय एलोवेरा जेल या नारियल तेल लगाएं। चमक बढ़ेगी।
नेचुरल चीजें खाएं। जैसे आंवला, गिलोय, तुलसी के कुछ पत्ते, कालीमिर्च, अदरक आदि।
डॉ. रकम सिंह, अस्थि रोग विशेषज्ञ, राजकीय चिकित्सालय, दौसा
साथ में प्रभा पारीक से इनपुट
साथ में प्रभा पारीक से इनपुट