दुर्ग जिला में in Durg district बारिश के आमद के साथ ही बादल में बिजली की गरज सुनने को मिल रही है। हर व्यक्ति को अपने-अपने काम से बाहर जाना पड़ता है। ऐसे में अगर बारिश हो और गाज गिरने का अंदेशा हो, तो अलर्ट रहें। भिलाई इस्पात संयंत्र Bhilai Steel Plant के टाउन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने पूर्व में इसको लेकर लोगों से अपील जारी किया था। वह बेहद अहम है। विभाग ने बताया कि किस तरह से सामान्य जानकारी के अभाव में भयावह स्थिति बन जाती है। बादल घिरने के साथ ही आसमानी बिजली (गाज) lightning चमकने लगती है। इस वजह से बेहतर है कि बादल घिरते ही सुरक्षित स्थान Safe Place तलाश लेना चाहिए। आसमानी बिजली के मार के घेरे की दूरी व उसकी तीव्रता की कोई साफ गणना संभव नहीं है।
लाइटिंग में लाखों एम्पियर का करंट होता है। Lighting carries a current of millions of amperes. इस दौरान आसपास किसी भी प्रकार का आश्रय नहीं है, तो लंबे और अलग से खड़े वस्तु जैसे खम्भा, पेड़ किसी भी प्रकार की लम्बी सरंचना के पास न जाएं। रेल लाइन, समुद्र किनारे, धातु की फेंसिंग वगैरह लाइटनिंग को बहुत दूर से खींच सकती है, बेहतर है कि इनसे दूर रहें।
लाइटनिंग अचानक एक धातु से दूसरे धातु में, यहां तक कि पानी पाइप, झाडिय़ों में भी जम्प कर सकती है। इस दौरान घर में विद्युत सुचालक वस्तु जैसे बिजली के तार, टेलीफोन के तार, टीवी केबल, धातु की खिड़की, बाथ शावर फिटिंग व धातु की अन्य वस्तुओं से दूर रहने की कोशिश करें। साथ ही तार से जुड़ी वस्तुओं का प्रयोग न करें। बेसमेंट में, पानी भरे जगह में तथा गीले जगह में खड़ा न रहे। इस तरह की स्थिति में बहुत जरूरत न हों, तो घर से बाहर न निकलना बेहतर है।
घने जंगल या बहुत पेड़ों के बीच खड़े हैं, तो किसी भी एक पेड़ के पास खड़े न हो। रेडियो में खरखराहट लाइटनिंग का सिग्नल देती है। गाज गिरने से कुछ पल पहले बज्जिंग, हिस्सिंग, क्रैक्लिंग, क्लिकिंग आवाज सुनाई देगी। शरीर में एक टिंगलिंग सेंसेशन होगा। हाथ, पैर के बाल खड़े हो जाएंगे। आसपास के धातु के वस्तु की सतह पर हल्का नीला रोशनी दिखाई देगी। इस रोशनी को सेंत एलमॉस फायर कहते हैं। https://www.patrika.com/exclusive/watch-video-this-area-in-vaishali-nagar-will-be-developed-on-the-lines-of-dev-dham-19694056
Published on:
06 Jul 2025 08:38 pm