
डिप्टी मुख्य चिकित्सा अधिकारी व यूनिट इंचार्ज डॉक्टर मनीष देवांगन ने उपचार treatment किया। ओडिशा के सीआईएसएफ 32 साल के जवान को छह माह से चली आ रही पैनक्रियाटाइटिस की पीड़ा लगातार पेट दर्द, भारीपन और जल्दी पेट भरने की शिकायतों का कारण स्यूडोसिस्ट पैन्क्रियाज निकला। यह पेट के पिछले हिस्से में बना द्रव-भरा थैला न केवल असहनीय असुविधा उत्पन्न करता है बल्कि जटिलताओं का भी बड़ा कारण होता है। साधारणत: इस स्थिति में ओपन सर्जरी की आवश्यकता पड़ती थी, जिसमें एक बड़ा चीरा, अत्यधिक दर्द और लंबी रिकवरी शामिल होते हैं। ऐसे में लेप्रोस्कोपिक मार्ग चुनना केवल एक तकनीकी निर्णय नहीं, बल्कि सेक्टर 9 अस्पताल की उन्नत चिकित्सा प्रक्रियाओं के प्रति प्रतिबद्धता का स्पष्ट पुनर्पुष्टि था।
उपचार के बाद परिणाम अत्यंत संतोषजनक रहा, रोगी ने बिना किसी जटिलता के तीव्र रिकवरी की और मात्र पांच दिनों में चिकित्सालय से स्वस्थ होकर छुट्टी पा ली। ओपन सर्जरी की तुलना में यह अवधि काफी कम है, जो न केवल चिकित्सा गुणवत्ता का संकेत है। बल्कि सेक्टर 9 अस्पताल के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी है। ऑपरेशन पूरी तरह समंवित टीमवर्क से संभव हुआ, जिसमें, डॉक्टर मनीष देवांगन, चीफ कंसल्टेंट, डॉक्टर धीरज शर्मा, डॉक्टर सौरभ धिवार, डीएनबी रेजिडेंट डॉक्टर मशूद बी शामिल थे।
डॉक्टर कौशलेंद्र ठाकुर ने बताया कि सेक्टर 9 अस्पताल के इतिहास में यह पहली बार है जब इस प्रकार की उन्नत और जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। इससे यह सिद्ध होता है कि सर्जिकल यूनिट अब अत्याधुनिक लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल हस्तक्षेपों को आत्मविश्वास और सटीकता के साथ करने में सक्षम है।
डॉक्टर उदय कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सेक्टर 9 ने बताया कि इस तरह की विशेषीकृत सर्जरी पीएमजेएवाय के तहत नि:शुल्क उपलब्ध है, जो सामाजिक समानता और समावेशी स्वास्थ्य सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
Updated on:
10 Dec 2025 03:49 pm
Published on:
10 Dec 2025 03:48 pm
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