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राजस्थान में आधा सत्र गुजरा तब आई ‘अध्यापक दैनन्दिनी’, आखिर शिक्षा विभाग ने देर से क्यों बांटी डायरियां

Rajasthan News : राजस्थान के शिक्षा विभाग ने लेटलतीफी की हद कर दी। अब जब आधा सत्र गुजर गया है तब शिक्षा विभाग ने ‘अध्यापक दैनन्दिनी’ बांटना शुरू किया है। शिक्षक संगठन इस पर सवाल उठा रहा है।

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Rajasthan Half Session Passed when Adhyapak Dainandini was Released why did Education Department Distribute Diaries Late

Rajasthan News : शिक्षा विभाग की लेटलतीफी आधा सत्र गुजरने के बाद भी बनी हुई है। सत्र की शुरूआत में बटने वाली ‘अध्यापक दैनन्दिनी’ आधा सत्र गुजरने के बाद बट रही है। प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के लिए डायरियां भेज दी है। गौरतलब है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में गत सरकार की ओर से भेजी गई डायरियां पड़ी हुई थी। लेकिन, मौजूदा सरकार ने वितरण पर रोक लगा दी थी। ऐसे में शिक्षकों ने आधा सत्र बिना डायरियों के ही गुजारा किया है।

पाबंदी से आई दिक्कत

सरकार बदलने के बाद वर्तमान शिक्षा सत्र में विद्यालयों के शिक्षक बिना डायरी के हो गए थे। पुरानी डायरियों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी। वजह यह थी कि पिछली सरकार और तत्कालीन शिक्षा मंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री आदि के नाम डायरियों पर थे। शिक्षा विभाग के कार्यालयों तथा विद्यालयों में बड़ी संख्या में पुरानी डायरियां अभी भी पड़ी हैं।

ऐसे में शिक्षक डायरी में दर्ज किए बगैर ही कार्ययोजना बनाते रहे और उसे अमलीजामा पहनाते रहे। डायरी के अभाव में संकट यह रहा कि शिक्षकों के कामकाज का सत्यापन करने शिक्षा अधिकारी पहुंचे, तो उनको मौखिक जानकारी से ही काम चलाना पड़ा।

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राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

राजस्थान पत्रिका ने 21 अगस्त 2024 के डूंगरपुर संस्करण में ‘नाम की सियासत : डायरियां हो गई रद्दी, नई आने में हो रही देरी’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि शिक्षक डायरियां स्कूल की मजबूत कड़ी है, डायरियों के अभाव में अध्यापन व उसकी जांच वगैरह में परेशानियां आ रही हैं। साथ ही हर साल डायरियां वितरण में देरी हो रही है। इसका असर शिक्षण में भी हो रहा है।

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अधिकारी ने कहा…

डायरियां प्राप्त होने के साथ ही स्कूलों को भेज दी हैं। शेष शिक्षण सत्र की समस्त गतिविधियां डायरियों के माध्यम से ही संचालित होगी।

आरएल डामोर, डीईओ, डूंगरपुर

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अब ये किए बदलाव

नई शिक्षक डायरी में वर्तमान शिक्षा मंत्री का संदेश छपा है। मुख्य पृष्ठ पर भारत के मानचित्र पर भारत माता की फोटो है। सूर्य नमस्कार की दस मुद्राओं के चित्र हैं। मुख्य संरक्षक से लेकर मार्गदर्शक दल व संपादक समूह के नाम छपे हैं।

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बताया फिजूलखर्ची

नई डायरियां आने के बाद विभिन्न शिक्षक संगठनों के शिक्षक नेता इसे फिजूलखर्ची बता रहे हैं। उनका कहना है कि बीच सत्र में डायरियां भेजने का अब कोई औचित्य नहीं है। पुरानी डायरी से ही काम चलाया जा सकता था।

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