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राजस्थान का संगमेश्वर हैगिंग ब्रिज का कार्य हुआ ‘हैंग’, जानें कब होगा पूरा

Sangameshwar Hanging Bridge Update : चीखली राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिग ब्रिज डूंगरपुर जिले के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ में बन रहा हैं। पर अब संगमेश्वर हैगिंग ब्रिज का कार्य ‘हैंग’ हो गया है। जानें कब होगा पूरा और इसका कार्य क्यों है अटका।

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Rajasthan Sangameshwar Hanging Bridge Chikhali Dungarpur work Hanging know when it will be Completed

Sangameshwar Hanging Bridge Update : चीखली प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिग ब्रिज डूंगरपुर जिले के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ में बन रहा हैं। जिसके निर्माण कार्य की पूर्ण होने की तिथि व वर्ष बार-बार बदल रही है। वैसे यह ब्रिज वर्ष 2020 में पूर्ण होना था। लेकिन इस बीच कोविड़ का समयकाल रहा। तो वहीं दूसरी और बजट का रोड़ा भी बना। वर्तमान में करोड़ों रुपए का बजट रूकने से दिसम्बर में पुल का कार्य पूर्ण होने पर संशय बना हुआ हैं।

यह हैं निर्माण स्वीकृति

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान सरकार के तहत यह कार्य है। चीखली-आनंदपुरी सड़क पर संगमेश्वर में माही नदी पर उच्च स्तरीय पुल का कार्य की कुल लम्बाई 1.925 किमी एवं पुल की लम्बाई 906 मीटर हैं। स्वीकृत राशि सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ एवं एसआरएफ से 34.85 करोड़ हैं। इस कार्य की पूर्ण तिथि 13 दिसंबर 2020 एवं 24 माह तो वहीं रखरखाव की समय अवधि 4 वर्ष कार्य स्थल पर बोर्ड में दर्शाई गई हैं, लेकिन समयावधि पार होने के बाद भी ब्रिज पूर्ण नहीं हो पाया हैं।

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90 फीसदी से ज्यादा हो गया कार्य

डूंगरपुर जिले के चीखली ग्राम पंचायत पंचायत के के बेडूआ गांव में 125 करोड़ की लागत से हैगिंग ब्रिज बन रहा है। ये एक्स्ट्राडोज्ड ब्रिज राजस्थान में अपनी तरह का दूसरा होगा जो केबल से सहारे टिकेगा। अब तक चीखली और आनंदपुरी के दोनों छोरों को मिलाकर 17 पिल्लर बनकर तैयार हो चुके हैं। विदेशी कंपनी के माध्यम से तारों का कार्य शुरू कर दिया गया हैं। अब तक इस प्रोजेक्ट पर 105 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि इसका 90 फीसदी से भी ज्यादा काम पूरा हो चुका है।

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अब 2025 तक का समय लग सकता हैं

तत्कालीन भाजपा सरकार ने वर्ष 2016 के बजट में इस हैंगिंग ब्रिज की घोषणा की थी। यह कार्य दिसंबर 2020 में पूर्ण होना था। विभाग ने इसके बाद सितंबर 2023 में कार्य पूर्ण करने की बात कहीं थी। फिर दिसंबर 2024 में कार्य पूर्ण होगा। लेकिन निर्माण कार्य कंपनी की ओर से बजट के अभाव में मार्च 2025 तक की डेटलाइन बताई हैं। भाजपा सरकार आने के बाद क्षेत्रवासियों को जल्द ब्रिज पूरा कर उद्घाटन कराने की आस जगी हैं। शुरुआत के तीन वर्ष इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं हो पाया।

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सफर होगा आसान, दूरियां होंगी कम

इस पुल के बनने से चिखली से बेडुवा की दूरी 4 किमी और बेडुवा से आनंदपुरी की दूरी 4 किमी होगी। आनंदपुरी से मानगढ़ की दूरी 8 किमी है। ऐसे में इस पुल के बन जाने से चिखली से मानगढ़ की दूरी केवल 16 किलोमीटर ही रह जाएगी। वर्तमान में चिखली से सागवाड़ा, परतापुर होकर मानगढ़ जाने के लिए 115 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों की सीमाओं का विभाजन करने वाली माही नदी पर डूंगरपुर जिले के चीखली तथा बांसवाड़ा जिले के डोकर के मध्य अनास नदी का संगम होता है। माही नदी पर गुजरात की सीमा पर कड़ाणा बांध का निर्माण हुआ है। जिससे कड़ाणा का बैक वाटर आने से यह स्थान और अपस्ट्रीम डूब क्षेत्र में है। इस स्थान पर 30 से 40 मीटर गहराई तक पानी भरा हुआ है। कडाणा बांध के पूरा भर जाने पर यह गहराई और भी बढ़ जाती है। संगम स्थल पर माही नदी की चौड़ाई 450 मीटर है। इसके समीप ही नदी के मध्य संगमेश्वर तीर्थस्थल भी है। कडाणा डेम के भर जाने की स्थिति में नदी के तट डूब जाते हैं और पानी का फैलाव ढाई किलोमीटर तक हो जाता है। यही वह स्थान है जहां पर ब्रिज निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।

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14 करोड़ रुपए का भुगतान अटका

ब्रिज के निर्माण कार्य में करोड़ों रुपए का भुगतान रुकने से कार्य को गति नहीं मिल पा रही हैं। प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप चहल ने बताया कि जुलाई 2024 से अब तक के करीब 14 करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान नहीं हो पाया हैं। कुल 33.8 करोड़ रुपए हैं, लेकिन पेमेंट नहीं होने से कार्य करना मुश्किल हो गया हैं। समय पर भुगतान नहीं होने से समयावधि बढ़ना तय हैं।

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इनका कहना है

ब्रिज निर्माण कार्य का भुगतान नहीं हो पाया हैं। कब तक इसका भुगतान होगा, यह कहना मुश्किल हैं।

अमित गर्ग, एक्सईएन पीडब्यूडी, डूंगरपुर

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