माननीय मुख्यमंत्री जी, लोनी विधानसभा में अपराधी पुलिस है जनता नहीं, जो दंगे के नाम पर निर्दोष लोगों को पकड़कर दो से चार हजार रुपए लेकर छोड़ रही है। इसके साथ ही मोबाइल भी लूट रही है। उन्होंने कहा है कि रात पुलिस ने एक निर्दोष शानू वर्मा नाम के बच्चे को पकड़ा, जब हमने कहा कि इस बच्चे को क्यों पकड़ है तो बताया गया कि वह जेल भेज दिया। उसके बाद पता चला वह थाने में है। बताया जा रहा है कि 151 में बच्चे के खिलाफ दर्ज हो गया है। थोड़ी देर बाद उसके पापा का फोन आया कि 2500 रुपए लेकर इस शर्त पर पुलिस ने छोड़ दिया है कि विधायक को नहीं बताना। इतना ही नहीं उसका मोबाइल भी लूट लिया। जब हमने प्रमुख सचिव गृह से शिकायत की तो उस बच्चे व उसके पापा को थाने ले आए और कहा गया कि कोई पूछे तो बोल देना हमसे कोई पैसा नहीं लिया गया है और अब फिर 151 में केस दर्ज कर एसडीएम कोर्ट मे भेज रहे हैं।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा है कि मुझे शानू ने बताया कि उसके अलावा दर्जनों लोगों को पैसे लेकर छोड़ा गया है और जिसने पैसे नहीं दिए उन्हें जेल भेज रहे हैं। अब आप ही बताएं कि लोनी मे पुलिस की जरुरत है, यदि नहीं तो मेरा निवेदन है कि खुलेआम कानून की वर्दी पहनकर डाका डालने वाली पुलिस को लोनी से हटाया जाए। इसके साथ ही थाने-चौकियों को बंद कर पुस्तकालय बनवा दिए जाएं। क्योंकि लोनी की जनता बहुत अमन पसंद है। जब लोनी मे एक भी थाना नहीं था तो कोई अपराध नहीं होता था। इसलिए दंगा कराकर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर फिर छोड़ने के नाम पर मोटी रकम लेने वाली पुलिस नहीं हो सकती, बल्कि डाकू है। लोनी की जनता की जिम्मेवारी मेरी है यहां कभी दंगा न हुआ और न होगा इससे सरकार की काफी बचत भी होगी।
एसएसपी एक्शन में जब इस पूरे मामले की जानकारी गाजियाबाद के एसएसपी को मिली तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से एक मुंशी के खिलाफ कार्रवाई की। मुंशी को निलंबित करते हुए इस पूरे मामले की जांच एसपी देहात को सौंपी गई है। एसएसपी ने कहा है कि इस पूरे मामले में यदि और भी पुलिसकर्मी लिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।