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इराक से आईएसआईएस को खदेड़ने के बाद पहला आम चुनाव जारी, 7 हजार उम्मीदवार उतरे हैं चुनावी मैदान में

locationनई दिल्लीPublished: May 12, 2018 03:42:51 pm

Submitted by:

Anil Kumar

आतंकी संगठन आईएसआईएस को खदेड़ने के बाद इराक में पहला आम चुनाव हो रहे हैं।

इराक में आम चुनाव

नई दिल्ली। इराक में बर्षों बाद आम चुनाव हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस को खदेड़ने के बाद इराक में पहला आम चुनाव हो रहे हैं। शनिवार को शांति पूर्ण तरीके से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई। हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए मतदन केंद्रों को खोला गया। बता दें कि इराक में तानाशाह नेता सद्दाम हुसैन की सत्ता को खत्म करने के लिए अमरीका ने 2003 में हमला किया था, तब से लेकर अब तक इराक में यह चौथा आम चुुनाव है। आपको बता दें कि इराक में 329 सीटों वाली संसद है और इस बार के आम चुनाव में सात हजार प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किश्मत आजमाना उतरे हैं। इन प्रत्याशियों में सबसे प्रचलित नाम एक पत्रकार मुंतधर अल-जैदी है। अल-जैदी वही व्यक्ति हैं जिन्होंने 2008 में अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर जूते फेंक दिए थे। हालांकि इसके बाद अल-जैदी को 9 माह की जेल की सजा भी हुई थी। अब अल-जैदी चुनाव जीत कर एक सांसद के तौर पर देश की सेवा करना चाहते हैं।

इराक की 46 प्रतिशत भाग में आईएसआईएस का कब्जा था

गौरतलब है कि 2003 में सद्दाम हुसैन की सत्ता को समाप्त करने के लिए अमरीका के हमले के बाद यह चौथा आम चुनाव है। इससे पहले 2005, 2010 और 2014 में तीन चुनाव हो चुके हैं। इन तीनों चुनावों में इराक की इस्लामिक दवा पार्टी ने बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। बता दें कि इराक से आईएसआईएस के खात्मे से पहले तक 46 प्रतिशत भाग में उनका कब्जा था। जब सितंबर2014 में निवर्तामान प्रधानमंत्री हैदर अल- आबादी ने सत्ता संभाली थी तब इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस का बोलबाला था। हालांकि प्रधानमंत्री हैदर अल-आबादी ने सत्ता संभालते ही ऐसे कदम उठाए साथ हीं अमरीका, शिया और कुर्दिश सेनाओं की बदौलत इराक को आईएसआईएस के कब्जे से आजाद कराने में सफलता पाई।

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महिलाओं के लिए है 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित

आपको बता दें कि इराक की संसद में महिलाओं के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित है। इस बार के आम चुनाव में सात हजार उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिसमें से करीब 2600 महिला प्रत्याशी हैं। बता दें कि 329 सीटों वाली इराकी संसद में कम से कम 83 सीटें महलाओं के लिए आरक्षित होंगी। गौरतलब है कि इराक का यह कदम महिला सशक्तिकरण के लिहाज से भी मध्य-पूर्व के किसी देश का अहम पहलू है।

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किसके-किसके बीच कड़ा मुकाबला

गौरतलब है कि इस चुनाव में सीधे तौर पर निवर्तमान प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी और पूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी के बीच मुकाबला है। बता दें कि मलिकी 2006 से 2014 तक इराक के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। मलिकी पर हमेशा सुन्नी मुसलमानों की अनदेखी करने का आरोप लगता रहा है। आईएस को देश से बाहर खदडने में अहम भूमिका निभाने वाले फतह गठबंधन के नेता हादी अल-अमीरी भी इस चुनाव में अपना किस्मत आजमा रहे हैं। अमीरी भी कड़ा मुकाबला देने के लिए तैयार हैं।

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