ये है पूरा मामला
जबलपुर की सेंट्रल जेल में विचाराधीन कैदी मन्नू लाल कोष्टा की 21 फरवरी 2006 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतक मुन्ना लाल कोष्टा की पत्नी शहर के गोहलपुर इलाके में रहती है जिन्होंने बताया कि आर्म्स एक्ट में पति को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत बिगड़ने के बाद पति को जेल से अस्पताल ले जाया गया था जहां 21 फरवरी 2006 को उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि वो पति की मौत के बाद से लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही थीं लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें पति का डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया था। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की।
फिल्मी स्टाइल में रात में लड़की के घर जाकर किया प्यार का इजहार, अब संबंध बनाकर शादी से इंकार
सर्टिफिकेट मिलने पर कहा थैंक्यू कलेक्टर साहब
पति की मौत के 16 साल बाद भी पत्नी को डेथ सर्टिफिकेट न मिलने के इस मामले के सामने आते ही कलेक्टर इलैयाराजा टी ने नाराजगी जाहिर की और जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी। जहां से जानकारी दी गई कि मन्नू लाल कोष्टा आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल 13 दिसंबर 2005 को जेल दाखिल कराया गया था। मन्नू की तबीयत बिगड़ी, जिसे मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। जानकारी मिलने पर कलेक्टर डॉ इलैयाराजा ने नगर निगम आयुक्त को तत्काल मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने निर्देश दिए। जिसके बाद गढ़ा जोन ने प्रमाण पत्र बनाकर मृतक की पत्नी को दिया। प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही महिला ने कलेक्टर को थैंक्यू कहकर आभार भी जताया।