
Summer Skin Care
Summer Skin Care Tips: गर्मियों का मौसम आ चुका है। यह वह समय है जब आपको सनस्क्रीन की जरूरत ज्यादा पड़ती है। तेज धूप और हानिकारक यूवी किरणों के कारण त्वचा पर टैनिंग और सनबर्न की समस्या आम हो जाती है। इससे न केवल त्वचा की रंगत प्रभावित होती है, बल्कि समय से पहले झुर्रियां और अन्य स्किन प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं। सनस्क्रीन इस समस्या से बचने का सबसे कारगर उपाय है, लेकिन हर स्किन टाइप के लिए एक ही सनस्क्रीन उपयुक्त नहीं होती।अपनी त्वचा के अनुसार सही सनस्क्रीन का चुनाव करना जरूरी है, जिससे धूप की किरणों से सुरक्षा मिले और त्वचा हेल्दी और ग्लोइंग बनी रहे। आइए जानें कि अपनी स्किन टाइप के अनुसार कौन-सा सनस्क्रीन सबसे बेहतर रहेगा।
गर्मियों में त्वचा को कई तरह की परेशानियों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। अगर इसका इस्तेमाल केवल गर्मियों में ही नहीं, बल्कि हर मौसम में किया जाए, तो त्वचा हमेशा सुरक्षित रहती है। सनस्क्रीन (Sunscreen Benefits for Skin) त्वचा को सनबर्न और टैनिंग से बचाता है।
गर्मियों में धूप और गर्मी से त्वचा के खराब होने की संभावना अधिक होती है। सूरज की किरणों से त्वचा को नुकसान पहुंचता है और त्वचा बेजान दिखने लगती है। इसलिए गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी होता है। सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न से बचाता है। सनबर्न से त्वचा रूखी और बेजान लगने लगती है। सनबर्न झाइयों (Blemishes) का भी कारण बनता है। इसलिए हमेशा घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन लगाएं। खासकर आंखों के नीचे और खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए।
धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाने पर त्वचा सुरक्षित रहती है और इसे कोई नुकसान नहीं होता। इसमें त्वचा के लिए आवश्यक प्रोटीन जैसे कोलेजन, कैरोटीन और इलास्टिन होते हैं, जो त्वचा को मुलायम और स्वस्थ (Sunscreen for Better Skin) बनाए रखने में मदद करते हैं। ये सभी तत्व त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाते हैं।
सनस्क्रीन त्वचा को कैंसर से बचाने में भी मदद करता है। खासकर मेलानोमा कैंसर (Melanoma Cancer), जो त्वचा का सबसे खतरनाक कैंसर माना जाता है और महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसलिए स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें (Ultraviolet Rays) हमारी त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचाती हैं। अन्य समस्याओं के साथ ही टैनिंग भी एक बहुत बड़ी परेशानी होती है। टैनिंग का मतलब है कि शरीर का वह हिस्सा, जो सूर्य के सीधे संपर्क में अधिक देर तक रहता है, काला पड़ जाता है। इससे बचने के लिए घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन जरूर लगाना चाहिए।
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बेहद आवश्यक है, लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि आपकी त्वचा का प्रकार क्या है। सनस्क्रीन को अपनी त्वचा के अनुसार ही चुनना चाहिए। बाजार में विभिन्न त्वचा प्रकारों के लिए अलग-अलग सनस्क्रीन उपलब्ध हैं, जैसे ऑयली, ड्राय और सेंसिटिव स्किन के लिए। गलत सनस्क्रीन का उपयोग त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि सही सनस्क्रीन सूरज की हानिकारक किरणों से प्रभावी सुरक्षा प्रदान करती है।
-सनस्क्रीन खरीदते समय अपने स्किन टाइप का ध्यान रखना जरूरी है।
-ड्राई स्किन: ऐसे लोगों को मॉइस्चराइजर युक्त क्रीम-बेस्ड सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए, ताकि त्वचा हाइड्रेटेड बनी रहे।
-ऑयली और कॉम्बिनेशन स्किन: वाटर-बेस्ड या जेल-बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
-सेंसिटिव स्किन: अगर आपकी त्वचा जल्दी इरिटेट हो जाती है, तो ऐसे सनस्क्रीन का चयन करें, जिसमें अल्कोहल, फ्रेग्रेंस या प्रिजर्वेटिव न हों।
सनस्क्रीन में ब्राइटनिंग और एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो त्वचा को झुर्रियों से बचाने में मदद करती हैं। इसलिए, सनस्क्रीन खरीदते समय यह जरूर ध्यान रखें कि SPF अधिक हो। SPF 30 और SPF 50 वाली सनस्क्रीन त्वचा के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है।
यूवीए, यूवीबी और इंफ्रारेड रेडिएशन से बचने के लिए ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है।ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का मतलब है कि यह यूवीए और यूवीबी दोनों किरणों से सुरक्षा प्रदान करती है।यह त्वचा को सन डैमेज से बचाने के साथ-साथ एंटी-एजिंग के लिए भी लाभकारी होती है।साथ ही, यह स्किन कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से भी बचाव कर सकती है।
-गर्मियों में शरीर जल्दी डिहाइड्रेट हो जाता है, इसलिए सिर्फ सनस्क्रीन लगाना ही नहीं, बल्कि पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है।
-अधिक मात्रा में पानी पिएं, जिससे आपकी त्वचा फ्रेश और ग्लोइंग दिखे।
-फलों का सेवन और पौष्टिक आहार लेना भी बेहद जरूरी है, ताकि त्वचा प्राकृतिक रूप से स्वस्थ बनी रहे।
Published on:
22 Mar 2025 01:20 pm
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