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प्रयागराज महाकुंभ भगदड़: मौनी अमावस्या के दिन रात 1 बजे सच में क्या हुआ था? सीएम योगी आदित्यनाथ ने खोल दिया राज 

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विस्तृत जवाब दिया। उन्होंने बताया कि 29 जनवरी की रात 1 बजे से 1:30 बजे के बीच संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ के कारण बैरिकेडिंग टूट गई, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। 

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CM Yogi

सीएम योगी के अनुसार, उस दिन प्रयागराज में 5 करोड़ श्रद्धालु मौजूद थे, जबकि शहर की अधिकतम क्षमता महज 25 लाख लोगों की है। इसके बावजूद प्रशासन की कुशल व्यवस्था के चलते 5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया। हादसे में 30 लोगों की दुखद मृत्यु हुई, लेकिन इसे गलत तरीके से प्रचारित किया गया। 

अमृत स्नान पर बेवजह सवाल क्यों?

सपा के आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने संतों को नहीं रोका और मुहूर्त के अनुसार अमृत स्नान हुआ। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, "अच्छा है कि अब कम से कम आप मुहूर्त तो देखने लगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मौनी अमावस्या के दिन पूरे दिन अमृत स्नान का मुहूर्त था। हादसे के बाद सरकार के अधिकारियों ने अखाड़ों और संतों से चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने कुछ देर बाद स्नान किया।

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विपक्ष फैला रहा है अफवाह – योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। पहले महाकुंभ को लेकर अफवाहें फैलाईं, फिर जब श्रद्धालुओं की विशाल भीड़ देखी, तो महाकुंभ की तारीख बढ़ाने की मांग करने लगे। उन्होंने ममता बनर्जी के "मृत्युकुंभ" वाले बयान और लालू यादव की "फालतू की बात" टिप्पणी पर भी तीखा पलटवार किया। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि महाकुंभ सरकार का नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का आयोजन है। उन्होंने संगम के जल की शुद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि स्नान योग्य जल को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने दो टूक कहा, अगर सनातन संस्कृति का पालन करना अपराध है, तो हम यह अपराध हजार बार करेंगे। 

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