
IPS Transfer (फोटो सोर्स :Whatsapp )
4 IPS Transfer Order: उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस विभाग में एक बार फिर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए चार आईपीएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। इनमें 2013, 2014, 2015 और 2018 बैच के अधिकारी शामिल हैं। गृह विभाग से जारी आदेश के अनुसार, इन अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। माना जा रहा है कि इन तबादलों का मकसद पुलिस व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाना तथा प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य गृह विभाग ने चार आईपीएस अधिकारियों के तबादले का आदेश शुक्रवार देर शाम जारी किया। इनमें लखनऊ, इटावा और सीआईडी मुख्यालय लखनऊ में तैनात अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक यह तबादले प्रशासनिक आवश्यकता के तहत किए गए हैं ताकि पुलिसिंग में कार्यकुशलता और तेजी लाई जा सके।
1. आशीष श्रीवास्तव (आईपीएस 2013 बैच)
आशीष श्रीवास्तव अपनी व्यावहारिक कार्यशैली और अनुशासनप्रिय रवैये के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने लखनऊ में कानून-व्यवस्था के कई अहम मामलों को सफलतापूर्वक संभाला।
2. विक्रांत वीर (आईपीएस 2014 बैच)
विक्रांत वीर को लखनऊ में जिम्मेदारी सौंपना सरकार का एक रणनीतिक फैसला माना जा रहा है। वे इससे पहले कई जिलों में उत्कृष्ट पुलिसिंग के लिए चर्चित रहे हैं।
3. अनिल कुमार सिंह (आईपीएस 2015 बैच)
अनिल कुमार सिंह ने पीएसी में अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण अभियानों को अंजाम दिया। सुरक्षा प्रबंधन में उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें लखनऊ में जिम्मेदारी दी गई है।
4. अनिरुद्ध कुमार (आईपीएस 2018 बैच)
युवा और ऊर्जावान अधिकारी अनिरुद्ध कुमार को अब इटावा भेजा गया है। माना जा रहा है कि पीएसी में उनकी तैनाती से फोर्स को नई ऊर्जा मिलेगी।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में इस बार दो महत्वपूर्ण तबादले हुए हैं कि आशीष श्रीवास्तव और विक्रांत वीर दोनों की अदला-बदली को राजधानी पुलिस के ढांचे में एक महत्वपूर्ण पुनर्संरचना के रूप में देखा जा रहा है। जहां आशीष श्रीवास्तव को सुरक्षा मुख्यालय में नई भूमिका दी गई है, वहीं विक्रांत वीर को अब कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त (DCP) के पद पर जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह कदम राजधानी की कानून व्यवस्था और वीआईपी सुरक्षा प्रबंधन दोनों के लिए अहम माना जा रहा है। पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, आने वाले त्योहारों और राजनीतिक कार्यक्रमों के मद्देनजर यह बदलाव समयानुकूल है।
गृह विभाग ने तबादलों को "सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया" बताया है। अधिकारियों की तैनाती उनके अनुभव, प्रदर्शन और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर तय की गई है। सरकार का मानना है कि पुलिस बल के भीतर नियमित स्थानांतरण से संगठन में ताजगी बनी रहती है और बेहतर कार्य परिणाम मिलते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य प्रदेश के कानून-व्यवस्था तंत्र को और अधिक चुस्त-दुरुस्त करना है, खासकर राजधानी लखनऊ जैसे संवेदनशील जिलों में।
आईपीएस विक्रांत वीर (2014 बैच) उत्तर प्रदेश के होनहार और तेज तर्रार अधिकारियों में गिने जाते हैं। वे पहले कई जिलों में बतौर एसपी उत्कृष्ट कार्य कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में अपराध नियंत्रण और सामुदायिक पुलिसिंग की कई पहले शुरू की गईं। डीजीपी मुख्यालय में रहते हुए उन्होंने पुलिस मॉडर्नाइजेशन से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स पर भी काम किया। वहीं आईपीएस आशीष श्रीवास्तव (2013 बैच) ने लखनऊ में डीसीपी सेंट्रल रहते हुए कई महत्वपूर्ण कानून-व्यवस्था के मसलों को संवेदनशीलता और सख्ती दोनों के साथ संभाला। श्रीवास्तव को अब सुरक्षा मुख्यालय में पदस्थापित किया गया है, जहां वीआईपी प्रोटेक्शन और महत्वपूर्ण आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी की जिम्मेदारी होगी।
इटावा की 28 वीं वाहिनी पीएसी में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है।अनिल कुमार सिंह को वहां से स्थानांतरित कर लखनऊ सुरक्षा मुख्यालय भेजा गया है, जबकि उनकी जगह अब अनिरुद्ध कुमार को सेनानायक बनाया गया है। यह बदलाव पीएसी की कार्यक्षमता और संचालन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
राज्य पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन तबादलों का उद्देश्य संगठनात्मक संतुलन और अधिकारियों के अनुभव का सही उपयोग करना है। लखनऊ और इटावा जैसे संवेदनशील जिलों में अनुभवी अधिकारियों की तैनाती से कानून व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”सूत्रों ने यह भी बताया कि यह फेरबदल उत्तर प्रदेश पुलिस की “स्ट्रक्चरल रोटेशन पॉलिसी” का हिस्सा है, जिसके तहत हर कुछ वर्षों में अधिकारियों की तैनाती बदली जाती है।
गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार यह तबादला सूची फिलहाल शुरुआती चरण है। आगामी सप्ताहों में और भी अधिकारियों के स्थानांतरण हो सकते हैं। पुलिस महकमे में यह फेरबदल आगामी त्योहारों, विधान परिषद सत्र और 2026 के पंचायत चुनावों की तैयारी को देखते हुए किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में हर तबादले को सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक नजरिए से भी देखा जाता है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में जिम्मेदारियों का यह बदलाव सरकार के “कानून व्यवस्था सख्ती अभियान” का हिस्सा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार सार्वजनिक मंचों से स्पष्ट कर चुके हैं कि अपराध नियंत्रण और पुलिस की जवाबदेही उनकी प्राथमिकता है।
Published on:
11 Oct 2025 01:40 am
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