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कोरोना की तीसरी लहर से पहले कम हुई डाक्टरों की एंटीबॉडी, IMA ने की तीसरी डोज लगाने की मांग

locationमेरठPublished: Jul 24, 2021 03:39:36 pm

Submitted by:

lokesh verma

मेरठ आईएमए ने की तीसरी लहर से पहले डाक्टरों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों कोरोना वैक्सीन की तीसरी डोज देने की मांग।

Corona Vaccine
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. कोरोना की तीसरी लहर की गिरफ्त में इस समय विश्व के कई देश आ चुके हैं। ब्रिटेन और पड़ोसी देश म्यांमार के हालात खराब होते जा रहे हैं। वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आहट मात्र से मेरठ के चिकित्सकों में बेचैनी है। मेरठ आईएमए ने फ्रंट लाइन हेल्थ वर्करों को तीसरी लहर से पहले वैक्सीन की तीसरी डोज लगवाने की मांग की है, जिससे ड्यूटी करते समय डाक्टरों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों के शरीर में पर्याप्त एंटीबाडी बनी रहे।
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आईएमए का कहना है कि फरवरी 2021 तक ज्यादातर डाक्टरों को दोनों डोज लग गई थीं, लेकिन पांच माह बाद एंटीबाडी कम हो सकती है। मेरठ आईएमए ने तर्क दिया है कि पश्चिमी देशों की तरह यहां भी तीसरे डोज पर चर्चा उठी है। इस विषय पर आईसीएमआर ही गाइडलाइन जारी करेगा। पांच माह बाद कई डाक्टरों में एंटीबाडी की मात्रा घटती मिली। कई डाक्टरों में अप्रैल के मुकाबले जुलाई में एंटीबाडी कम रह गई। ऐसे में बूस्टर डोज लेने से उनमें बड़ी मात्र में एंटीबाडी बनेंगे और संक्रमण से सुरक्षा मिलेगी, इसके लिए विशेषज्ञों की राय जरूरी है।
कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी है। आईएमए इंदौर ने हेल्थ वर्करों को बूस्टर के रूप में तीसरी डोज की मांग उठाई है। वहीं, मेरठ आईएमए भी दो बार चिकित्सकों के साथ बैठक कर चुका है। डॉ. वीरोत्तम तोमर के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कई लोगों में प्रोटेक्टिव एंटीबाडी कम बनी है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कुछ लोगों में ज्यादा एंटीबाडी नहीं बनी है। उन्होंने बताया कि फाइजर ने तीसरी डोज के लिए डब्ल्यूएचओ में आवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शोध में पता चला है कि डेल्टा वायरस के प्रति टीके कम कारगर हैं। ऐसे में वैक्सीन की नई डोज देकर एंटीबाडी बढ़ाई जा सकती है। इससे संक्रमण के दौरान कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डाक्टरों एवं हेल्थ वर्करों को सुरक्षा मिलेगी। आईएमए ने नेशनल विंग को इस बारे में पत्र लिखा है। ज्यादातर डाक्टरों को फरवरी में दूसरी डोज लगी थी। ऐसे में अक्टूबर तक एंटीबाडी घटी तो तीसरी डोज से ही बचाव होगा।
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