
Chamki Fever: 108 मौतों बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे Nitish Kumar, अस्पताल के बाहर प्रदर्शन
नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है। इस जानलेवा बुखार की चपेट में आकर अब तक 107 बच्चों की मौत हो चुकी है, इस संख्या में बढ़ोतरी की भी आशंका जताई जा रही है। जबकि अस्पतालों में भर्ती 400 से अधिक बीमार बच्चों के जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं, अस्पतालों का दौरा करने मुजफ्फरपुर पहुंचे नीतीश कुमार पर लोगों का गुस्सा फूटा। अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नीतीश कुमार मुर्दाबाद और नीतीश गो बैक के नारे लगाए।
नीतीश कुमार ने किया अस्पताल का दौरा
ताजा जानकारी के अनुसार चमकी बुखार से पीड़ित अधिकांश मरीजों को मुजफ्फरपुर के सरकारी श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि इन दोनों ही अस्पतालों में मरने वाले बच्चों की संख्या (88+19) हो चुकी है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अस्पतालों का दौरा कर चमकी बुखार से पीडत बच्चों का हाल जाना। इस दौरान अस्पताल के बाहर खड़े गुस्साए लोगों ने नीतीश मुर्दाबाद और नीतीश गो बैक के नारे लगाए।
भाजपा सांसद का बेतुका बयान
चमकी बुखार को लेकर भाजपा सांसद अजय निषाद ने बेतुका बयान दिया हे। मुजफ्फरपुर से भाजपा सांसद अजय निषाद ने चमकी बुखार के पीछे 4जी को जिम्मेदार बताया है। 4जी के रूप में उन्होंगे गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी कारण गिनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी का संबंध अति पिछड़ा समाज के लोगों से है। क्योंकि उनका रहन-सहन नीचे है। वहीं, राज्य के सत्ताधारी पार्टी जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने इस दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस बीच उन्होंने हर साल गर्मी में यह बीमारी आती है, जिसमें बच्चे बीमार पड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बारिश शुरू होते ही यह बंद हो जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ केस दर्ज
इसके साथ बीमारी को लेकर बरती गई घोर लापरवाही और बचाव में कोई कदम न उठाने के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। वहीं, बीमारी से लगातार हो रही बच्चों की मौत पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। आयोग ने राज्य सरकार से चमकी बुखार की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों की भी रिपोर्ट भी मांगी है।
नीतीश ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक
चमकी बुखार से 100 से अधिक बच्चों की मौत के बाद अब बिहार सरकार की नींद टूटी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसको लेकर सोमवार को उच्चस्तीरय बैठक बुलाई। बैठक की जानकारी देते ही चीफ सेक्रेटरी दीपक कुमार ने बताया कि सरकार की ओर टीमों को गठन किया जा रहा है। ये टीमें उन घरों में जाएंगी, जहां चमकी बीमारी से बच्चों की मौत हुई हैं। टीम यहां जाकर बीमारी के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास करेगी। दरअसल सरकार ने यह फैसला इसलिए भी लिया है, क्योंकि अभी तक इस बीमारी के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
राज्य के 12 जिले प्रभावित
राज्य में बन रहे महामारी जैसे हालातों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंभीरता दिखाते हुए चमकी से प्रभावित बच्चों को निशुल्क एंबुलेंस मुहैया कराने और इलाज का पूरा खर्च उठाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही बीमारी से मरने वालों बच्चों के परिवार को बतौर मुआवजा 4 लाख रुपए दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बिहार के कुल 12 जिले के 222 प्रखंड में चमकी बुखार का प्रभाव है। जबकि 75 प्रतिशत केस के साथ सबसे अधिक प्रभावित मुजफ्फरपुर में हैं।
बिहार को एनएचआरसी का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मुजफ्फरपुर जिले में इंसेफेलाइटिस वायरस की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या पर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बिहार सरकार से विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने पिछले कुछ दिनों में मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से बच्चों की मौत की बढ़ती संख्या वाली मीडिया रपटों पर स्वत: संज्ञान लिया है।
Updated on:
18 Jun 2019 02:37 pm
Published on:
18 Jun 2019 01:22 pm
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
