
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में जारी 'मौन घमासान' और अनुच्छेद 35A को हटाने के बयानों पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने चुप्पी तोड़ी है। राज्यपाल ( Satya Pal Malik ) ने कहा कि कश्मीर में किसी को डरने की जरूरत नहीं हैं। राज्य सरकार की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गई वे आतंकी खतरे की वजह से हुई थी। इसमें परेशान होने वाली कोई बात नहीं है।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि सुरक्षा संबंधी मसले को किसी दूसरे मामले से अनावश्यक रूप से जोड़कर घबराहट का माहौल पैदा नहीं किया जाना चाहिए। कुछ राजनीतिक पार्टी बेवजह डर पैदा कर रही हैं। यहां सब ठीक है।
आतंकियों को जवाब दे रही सेना: मलिक
Satya Pal Malik ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता खुफिया सूचनाएं मिली हैं कि आतंकी Amarnath yatra पर हमला करने की फिराक में थे। उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी बढ़ा दी गई है, जिसका भारतीय सेना करारा जवाब दे रही है।
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'अनुच्छेदों में बदलाव की जानकारी नहीं'
राज्यपाल ने कहा कि मुझे संविधान के अनुच्छेदों में किसी तरह के परिवर्तन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। राज्य में सुरक्षाबलों की गतिविधियां आतंकवादी हमलों की संभावना की खुफिया जानकारी के मद्देनजर बढ़ाई गई हैं।
राज्यपाल से मिले अब्दुल्ला
मलिक ने पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कांफ्रेंस के प्रतिनिधिमंडल और Omar Abdullah से मुलाकात के बाद ये बयान जारी किया है। वहीं, उमर ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानना चाहते थे। हमनें जब अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि कुछ हो रहा है, लेकिन यह किसी को नहीं पता कि वास्तव में क्या हो रहा है।
'राज्य के विभाजन की बातें अफवाह'
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल ( Satya Pal Malik ) से मुलाकात के दौरान उन्होंने उन्हें अनुच्छेद 35ए, अनुच्छेद 370, परिसीमन और यहां तक कि राज्य के विभाजन से संबंधित अफवाहों के बारे में बताया। राज्यपाल ने हमें आश्वस्त किया कि इन सभी मुद्दों पर किसी भी तरह की घोषणा की कोई तैयारी नहीं की जा रही है।
Updated on:
04 Aug 2019 08:28 am
Published on:
03 Aug 2019 06:15 pm
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