
कोरोना मामलों में अचानक बढ़ोतरी सामुदायिक संक्रमण का संकेत, क्या देर-सबेर होंगे संक्रमित?
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) महामरी से संक्रमित हुए लोगों का आंकड़ा बढ़कर 1 लाख 25 हजार से अधिक हो गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ( Union Ministry of Health ) ने इस बात की जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि देश में अब तक 1 लाख 25 हजार 101 लोग कोविड-19 संक्रमण ( Coronavirus Infection ) से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 3 हजार 720 लोगों की मौत हो गई है।
कोरोना वायरस के मामलों में आचनक हुई बढ़ोतरी को देखते हुए विशेषज्ञों का कहना है कि देश में सामुदायिक संक्रमण की शुरुआत हो चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना हे कि अभी सामुदायिक संक्रमण की गति काफी धीमी है। लेकिन जैसे ही लॉकडाउन खुलेगा और लोगों की आवाजाही शुरू होगी तो कोरोना के मामलों में अचानक बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
ऐसे में भारत को कामयाबी तभी मिल सकती है, जब कोरोना संक्रमण की गति को तेज न होने दिया जाए।
हालांकि सरकार अभी तक यह मानने को तैयार नहीं है कि देश में सामुदायिक संक्रमण की शुरुआत हो चुकी है।
देर-सबेर सब होंगे बीमार
एक मीडिया रिपोर्ट में प्राइमस हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के हेड डॉक्टर अनुराग सक्सेना के हवाले से बताया गया कि देश कोरोना के केसों में रहे उछाल को देखकर माना जा सकता है कि सामुदायिक संक्रमण का पहला चरण शुरू हो चुका है।
डॉक्टरों का तो यहां तक कहना है कि सभी लोगों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए है कि उनको भी कभी न कभी कोरोना संक्रमण होगा।
इससे हमारी बॉडी के भीतर हर्ड इम्यूनिटी डेवलप होगी, जो भविष्य में लोगों के लिए रक्षा कवच का काम करेगी।
चपेट में आएंगे गांव भी
कैलाश अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर सुधीर गुप्ता के अनुसार आने वाले दिनों में गांवों में भी कोरोना का डरावना रूप दिखाई देगा, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी है।
डॉक्टर गुप्ता की मानें तो सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों का होगा, क्योंकि इन राज्यों में हेल्थ केयर सिस्टम उतना मजबूत नहीं है जितना कि दक्षिण भारत के राज्यों में।
यही वजह है कि केरल और आंध्र पद्रेश जैसे राज्य इससे निपटने में सफल रहेंगे।
अभी सामान्य स्तर पर कोरोना की दर
डॉक्टर सुधीर गुप्ता के अनुसार बेशक कोरोना वायरस के केसों में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी इसकी दर केवल 5-6 प्रतिशत पर ही रुकी हुई है।
इस हिसाब से कोरोना की दर अभी सामान्य के आसपास ही है, लेकिन यह दर अगर बढ़ी तो देश का हेल्थ केयर सिस्टम लोगों को इलाज देने में हांफ जाएगा।
फ्लैटन द कर्व कब ?
विशेषज्ञों की मानें तो भारत में अभी तक कोरोना का पीक देखने को नहीं मिला है। कोरोना का चरम स्तर इस बात पर आधारित होता है कि अभी तक इसके अधिकतम कितने केस दर्ज किए गए हैं।
जबकि इसका अनुमान केवल टेस्टिंग के स्तर से ही लगाया जा सकता है।
मौजूदा हालातों में देश में कोरोना के छह हजार तक केस पकड़ में आए हैं, लेकिन अगर टेस्टिंग बढ़ा दी जाए तो हो सकता है कि इससे कहीं ज्यादा मामलों की संख्या देखने को मिले।
Updated on:
23 May 2020 08:14 pm
Published on:
23 May 2020 08:00 pm
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