
Ahmedabad Plane Crash (Photo - ANI)
अहमदाबाद विमान हादसे (Ahmedabad Plane Crash) में 260 लोगों की मौत पूरे देश के लिए एक दुःखद घटना थी। 12 जून को एयर इंडिया (Air India) का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (Boeing 787-8 Dreamliner) विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था, लेकिन टेकऑफ के कुछ देर बाद ही यह एक मेडिकल हॉस्टल से जा टकराया और क्रैश हो गया। इस हादसे में 260 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। विमान में सवार 242 में से 241 लोग इस हादसे में मारे गए थे। इनमें 229 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स शामिल थे। इस दर्दनाक हादसे में सिर्फ एक यात्री की ही जान बची थी। हालांकि वह इस हादसे में घायल हो गया था। इसके अलावा जिस मेडिकल हॉस्टल से विमान की टक्कर हुई थी, वहाँ मौजूद 19 लोग भी इस हादसे में मारे गए थे और 67 लोग घायल हो गए थे। इस विमान हादसे के बाद मामले की जांच शुरू हो गई थी और अब प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भी सामने आ गई है।
अहमदाबाद विमान हादसे की 15 पन्नों की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इस दर्दनाक हादसे से जुड़े कई खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि विमान के टेकऑफ करने के कुछ देर बाद ही फ्यूल स्विच बंद हो गया था। इससे दोनों इंजनों को फ्यूल मिलना बंद हो गया और इंजन भी बंद हो गए। इसी वजह से एयर इंडिया का विमान क्रैश हुआ। हालांकि यह सिर्फ प्रारंभिक रिपोर्ट है और ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि विमान क्रैश इसी वजह से हुआ, क्योंकि अभी भी विमान में पहले से तकनीकी खराबी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस हादसे की जांच जारी है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे इससे जुड़े और खुलासे होते रहेंगे।
हर विमान में फ्यूल स्विच बेहद ही अहम होता है। इस स्विच के ऑन होने पर ही विमान के इंजन को फ्यूल मिलता है और कटऑफ होने पर फ्यूल की सप्लाई बंद हो जाती है। अलग-अलग विमानों में फ्यूल स्विच भी अलग-अलग तरह का हो सकता है, लेकिन उसका काम एक जैसा हो होता है।
अहमदाबाद विमान हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश हुआ था। इसमें दो इंजन थे और दो फ्यूल स्विच। दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई के लिए दो फ्यूल स्विच। कई छोटी साइज के विमान, जिनमें एक इंजन होता है, में एक ही फ्यूल स्विच होता है।
विमान में डैशबोर्ड पर फ्यूल स्विच पाया जाता है। एक हो या दो, फ्यूल स्विच कॉकपिट के इंस्ट्रूमेंट पैनल में थ्रस्ट लेवेर्स के पास होते हैं और पायलट के हाथ के बिलकुल करीब, जिससे उन्हें एक्सेस करने में आसानी हो।
फ्यूल स्विच दो तरह के होते हैं। मैन्युअल फ्यूल स्विच और इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल स्विच। छोटे विमानों एक साधारण लीवर या नॉब होता है, जो मैन्युअल फ्यूल स्विच होता है। वहीं बड़े विमानों में इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल स्विच आधुनिक होता है और साधारण लीवर या नॉब से छोटा होता है।
मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि फ्यूल स्विच कैसे काम करता है? फ्यूल स्विच में दो मोड्स होते हैं। 'रन' और 'कटऑफ'। इसे ऑन करने के लिए रन मोड एक्टिवेट करना होता है और ऑफ करने के लिए कटऑफ। रन मोड एक्टिवेट करते ही विमान के इंजन को फ्यूल की सप्लाई शुरू हो जाती है और कटऑफ करते ही इंजन को फ्यूल की सप्लाई बंद हो जाती है। उड़ान के दौरान पायलट कभी भी कटऑफ मोड एक्टिवेट नहीं करता। लैंडिंग के बाद और विमान के पूरी तरह रुकने के बाद ही कटऑफ मोड एक्टिवेट किया जाता है।
Updated on:
13 Jul 2025 09:17 am
Published on:
12 Jul 2025 12:00 pm
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