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Bihar Crime Graph New Study: हिंसक अपराधों के मामले में बिहार देश के टॉप 5 राज्यों में, पटना बना ‘हिंसा की राजधानी’

Bihar Crime data analysis by Bihar Police: बिहार पुलिस हिंसक अपराध के मामलों में आई तेजी को लेकर चिंतित है। यही वजह है कि राज्य पुलिस ने 2015 से लेकर 2014 के बीच हुए अपराधों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।

bihar Police Crime Graph New Study
बिहार में 10 वर्षों में तेजी से हिंसक अपराध बढ़े हैं। ग्राफिक्स : Patrika Dotcom

Bihar Crime News: बिहार पुलिस ने राज्य में तेजी से बढ़ रही हिंसा को देखते हुए इसमें कमी लाने के उपायों पर विचार कर रही है। बिहार पुलिस का मानना है कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में फर्जी शस्त्र लाइसेंस, अवैध बंदूक और गोला व बारूद की अनाधिकृत तौर पर बिक्री बढ़ी है और यह प्रदेश में बढ़ रही हिंसा की बड़ी वजह है। राज्य के अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने इस दिशा में एक अध्ययन भी किया है। अध्ययन में वर्ष 2015 से 2024 के बीच के अपराधों के आंकड़ों के विश्लेषण को शामिल किया गया है। यह अध्ययन बिहार विधानसभा से कुछ महीने पहले आया है।

बीते एक दशक में अपराधों के आंकड़ों का अध्ययन

इस अध्ययन का विषय है- ‘अवैध आग्नेयास्त्रों और गोला-बारूद के प्रचलन और व्यापार नेटवर्क की गतिशीलता: बिहार का परिप्रेक्ष्य।’ बिहार पुलिस ने यह अध्ययन बिहार पुलिस के महानिदेशक विनय कुमार को सुपर्द कर दिया गया है। पुलिस ने राज्य में हिंसक अपराधों में वृद्धि को सीधे तौर पर राज्य में अवैध हथियारों और गोला-बारूद की बढ़ती बिक्री से जोड़ा है और हत्या, फिरौती के लिए अपहरण, डकैती, लूट, बैंक डकैती और सड़क डकैती जैसे अपराधों के लिए इसे जिम्मेदार माना है।

हिंसक मामले में टॉप पांच राज्यों में बिहार

एनसीआरबी के अनुसार, बिहार 2017 से 2022 के बीच हिंसक अपराधों के मामले में लगातार शीर्ष पांच राज्यों में शुमार रहा है। इस अध्ययन में यह बात सामने आई कि प्रति वर्ष पटना में 82 हिंसा के मामले औसतन रूप से सामने आए हैं और राज्य की राजधानी हिंसा की राजधानी बन चुकी है। पटना के बाद क्रमश: मोतिहारी में 49.53, सारण 44.08), गया 43.50, मुजफ्फरपुर 39.93 और वैशाली में 37.90 मामले प्रति वर्ष औसतन दर्ज किए जा रहे हैं।

हिंसक अपराधों में टॉप पर ये जिले

हिंसक अपराधों की सबसे अधिक संख्या वाले शीर्ष 10 जिलों में से सात ये हैं- पटना, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, नालंदा और बेगूसराय। ये उन शीर्ष 10 जिलों में से भी हैं जिनमें सबसे अधिक आर्म्स एक्ट के मामले हैं। अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अवैध आग्नेयास्त्र और हिंसक अपराध के मामलों के बीच घनिष्ठ संबंध है।

स्पेशल टास्क फोर्स ने क्या की सिफारिश?

एक दशक के अपराधों के अध्ययन के आधार पर विशेष कार्य बल ने बिहार के डीजीपी से सिफारिश की है कि वे व्यक्तिगत गोला-बारूद कोटा को मौजूदा 200 से घटाकर न्यूनतम कर दें। साथ ही यह भी सिफारिश की गई है कि डीजीपी कार्यालय आग्नेयास्त्रों का उपयोग करने में असमर्थ मानता है, उनके लाइसेंस रद्द कर दे। लाइसेंस प्राप्त मिनीगन कारखानों की निगरानी करें।

देश में अपराध के मामलों में ये राज्य अव्वल

एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में अपराधों के मामलों में शीर्ष पर उत्तर प्रदेश रहा। इसके बाद अपराधों के पायदान पर क्रमश: केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और बिहार का रहे। अपराधों की श्रेणी में चोरी के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए। इसके बाद दूसरे नंबर पर डकैती और उत्पीड़न के मामले सामने आए। अपराधों में आंकड़ों के लिहाज से तीसरे नंबर बलात्कार के मामले दर्ज किए गए। इस मामले में चिंता की बात यह है कि इसमें वर्ष 2023 के मुकाबले 1.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है जबकि अपहरण के मामलों में पिछले वर्ष के मुकाबले 5.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।