
ज्ञान भारतम मिशन (X/Patrika)
Gyan Bharatam Project: भारत सरकार ने हाल ही में केंद्रीय बजट 2025-26 में एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसका नाम है 'ज्ञान भारतम मिशन'। यह मिशन भारत की पुरानी किताबों और पांडुलिपियों को बचाने और दुनिया के सामने लाने का बड़ा प्रयास है। सरल शब्दों में कहें तो, यह हमारी प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की धरोहर को डिजिटल रूप में सुरक्षित करने का काम करेगा।
ज्ञान भारतम मिशन एक केंद्रीय योजना है, जो संस्कृति मंत्रालय के तहत चलाई जा रही है। इसका मुख्य काम भारत की लाखों पुरानी पांडुलिपियों को ढूंढना, उनकी जांच करना, दस्तावेज बनाना और उन्हें बचाना है।
यह वे हस्तलिखित किताबें या दस्तावेज हैं जो कागज, ताड़ के पत्तों, कपड़े या धातु पर लिखी गईं हों और कम से कम 75 साल पुरानी हों। भारत में करीब 50 लाख ऐसी पांडुलिपियां हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह माना जाता है।
इस मिशन के तहत एक करोड़ से ज्यादा पांडुलिपियों को कवर किया जाएगा। ये पांडुलिपियां स्कूलों, लाइब्रेरी, म्यूजियम और निजी संग्रहों में बिखरी हुई हैं। सरकार ने इसके लिए 60 करोड़ रुपये का बजट दिया है, जो पहले राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (NMM) के 3.5 करोड़ से काफी ज्यादा है। मिशन का एक बड़ा हिस्सा डिजिटल होगा यानी सभी पांडुलिपियों को स्कैन करके एक राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी, जहां कोई भी शोधकर्ता, छात्र या आम आदमी इन्हें ऑनलाइन देख सके।
भारत को 'विश्व गुरु' बनाने का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है, और यह मिशन उसी दिशा में एक मजबूत कदम है। प्राचीन भारत में आयुर्वेद, गणित, दर्शन, विज्ञान और कला जैसे विषयों का गहरा ज्ञान था, जो इन पांडुलिपियों में छिपा है। मिशन से यह ज्ञान सुरक्षित होकर आधुनिक शिक्षा और तकनीक से जुड़ जाएगा।
डिजिटल भंडार से दुनिया भर के वैज्ञानिक भारतीय ज्ञान प्रणालियों (IKS) का अध्ययन कर सकेंगे। इससे भारत की सांस्कृतिक विरासत मजबूत होगी, नई खोजें होंगी और वैश्विक स्तर पर भारत का सम्मान बढ़ेगा। पर्यावरण की चुनौतियों, जैसे नमी और प्राकृतिक आपदाओं से पांडुलिपियां खराब हो रही हैं, लेकिन यह मिशन उन्हें बचाकर हमारी बौद्धिक ताकत को दुनिया के सामने लाएगा। सहयोगी अनुसंधान से वैश्विक साझेदारी बढ़ेगी, जो भारत को ज्ञान का केंद्र बनाएगी।
Published on:
12 Sept 2025 12:27 pm
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