
6 दिन बाद भी नहीं छूटा जाम। (फोटो- IANS)
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर छह दिन बीत जाने के बाद भी जाम से छुटकारा नहीं मिल पाया है। भले ही सोमवार को वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है, लेकिन अभी भी 2 हजार से अधिक गाड़ियों का तांता लगा है।
बता दें कि 26 अगस्त को भूस्खलन से सड़क को हुए भारी नुकसान के बाद राजमार्ग पर हजारों गाड़ियां फंसी थीं। अधिकरी ने कहा कि अब धीरे-धीरे गाड़ियों को निकाला जा रहा है।
इस बीच, अधिकारियों ने चालकों को लेन अनुशासन का पालन करने की सलाह दी है क्योंकि संकरे रास्ते पर किसी भी ओवरटेक से वाहनों की आवाजाही बाधित हो सकती है।
अधिकारियों ने कहा कि किसी भी तरह की भीड़भाड़ से यात्रियों को भारी असुविधा होगी और वाहनों का सुचारू आवागमन प्रभावित हो सकता है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को राष्ट्रीय राजमार्ग का दौरा किया।
बाद में सीएम ने कहा कि सड़क पूरी तरह से बहाल होने में 20-25 दिन लग सकते हैं, लेकिन जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर यातायात के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करा दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मुगल रोड, श्रीनगर-लेह राजमार्ग और घाटी से किश्तवाड़ जाने वाला सिंथन दर्रा भी यातायात के लिए खुला है।
बता दें कि 14 अगस्त से जम्मू संभाग में मूसलाधार बारिश से 136 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज़्यादा घायल हो गए, जिससे पुलों, सरकारी और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंची।
सबसे ज्यादा प्रभावित किश्तवाड़ और रियासी जिले हुए हैं। जहां बादल फटने और भूस्खलन से कई लोगों की जान गई। किश्तवाड़ जिले के चशोती गांव में बादल फटने से 67 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर मचैल माता यात्रा के तीर्थयात्री थे, जबकि रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते में हुए भूस्खलन से 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने माता वैष्णो देवी मंदिर में हुए भूस्खलन हादसे की जांच के लिए अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है।
रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और अधिकारियों ने कहा है कि पूरी तरह से बहाल होने में अभी कुछ और दिन लगेंगे, हालांकि फंसे हुए यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
Published on:
01 Sept 2025 11:49 am
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