
नोएडा। होली के बाद अब हिंदी नव वर्ष के आगमन के स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई हैं। उसी दिन से मां दुर्गा का पर्व नवरात्रि भी शुरू होगा, जिसे चैत्र नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। 18 मार्च को हिंदी नव वर्ष विक्रम संवत् 2075 और चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। गाजियाबाद के गोविंदपुरम निवासी ज्योतिष शिवा गौड़ के मुताबिक, इस बार भी नवरात्रि आठ दिन की होगी। ऐसा लगातार चौथे साल होगा। अष्टमी और नवमी इस बार भी एक साथ हैं। उन्होंने बताया कि पूरे साल भर में चार नवरात्रि आती हैं लेकिन शारदीय नवरात्रिऔर चैत्र नवरात्रि को मुख्य रूप से मनाया जाता है।
18 मार्च से होगी शुरू
उनके अनुसार, इस बार नवरात्रि 18 मार्च से शुरू होकर 26 मार्च तक चलेंगी। इसमें घट स्थापना का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन ही घट स्थापना होती है। इसे मां दुर्गा के आह्वान के तौर पर देखा जाता है। कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त पर अगर घट स्थापना की जाए तो यह देवी का आशीर्वाद बन जाता है। ज्योतिष शिवा गौड़ ने बताया कि इस बार घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 18 मार्च सुबह 6.31 से 7.46 मिनट तक है।
नवरात्र का दिन
18 मार्च (रविवार)- घट स्थापना व मां शैलपुत्री पूजा
19 मार्च (सोमवार)- मां ब्रह्मचारिणी
20 मार्च (मंगलवार)- मां चंद्रघंटा पूजा
21 मार्च (बुधवार)- मां कुष्मांडा पूजा
22 मार्च (गुरुवार)- मां स्कंदमाता पूजा
23 मार्च (शुक्रवार)- मां कात्यायनी पूजा
24 मार्च (शनिवार)- मां कालरात्रि पूजा , मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
25 मार्च (रविवार )- राम नवमी
26 मार्च (सोमवार )- नवरात्रि पारण
क्यों मनाई जाती है नवरात्रि
माना जाता है कि जब दानवों ने देवताओं पर आक्रमण कर उनका राजपाठ छीन लिया था तो मां शक्ति ने दुर्गा और अन्य रूप में दैत्यों का संघार किया था। यह युद्ध नौ दिन तक चला था, इसीलिए इसे नवरात्रि कहा जाता है। इन दिनों मां के भक्त अपने घर पर मां दुर्गा का दरबार लगाते हैं और कलश स्थापना करते हैं। चैत्र नवरात्र में घर में पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान पूजा करने वाले साधक को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
Published on:
05 Mar 2018 11:12 am
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