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इन सीटों पर वरिष्ठ नेताओं को अभिभावक बनाकर उलटफेर की जिम्मेदारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद रामविचार नेताम सुकमा के कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अभिभावक है। उनको कांग्रेस की इस पारंपरिक सीट पर विपक्ष के उपनेता कवासी लखमा को मात देने का काम सौंपा गया है। एेसा विधायकों के खिलाफ लोगों की नाराजगी को देखने को किया गया है। जिन बूथों पर भाजपा हारी है, उसके लिए पार्टी पहले ही जहां कम-वहां हम अभियान चला रही है। इसके तहत उन बूथों पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि इन 39 सीट पर उलटफेर करके ही वे मिशन-65 के लक्ष्य को हासिल कर पाने में कामयाब होंगे। हालाकिं भाजपा के प्रदेश महामंत्री संतोष पाण्डेय का कहना है, हम सभी सीटों को बराबर तवज्जों दे रहे हैं। जहां हमारे विधायक नही हैं, वहां एक अलग टीम काम कर रही है। भाजपा इस रणनीति में कितना कामयाब होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इसने कांग्रेस की जमीनीं मुश्किलें तो बढ़ा दी है।
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तंत्र मजबूत किया जा रहा है।