
नगर पालिका सिवनी।
सिवनी. नगरपालिका परिषद में एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस की खींचतान का मामला गर्मा गया है। कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानचंद सनोडिया पर भेदभाव का आरोप लगाते कांग्रेस पार्षद दल ने कलेक्टर से मुलाकात कर शिकायत की है। कांग्रेस पार्षद दल ने कई मामलों का भी जिक्र करते हुए अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते कार्रवाई की मांग की है।
गुरुनानक वार्ड के पार्षद एवं कांग्रेस जिला प्रवक्ता राजिक अकील ने बताया कि सिवनी नगरपालिका परिषद में कॉग्रेस से निर्वाचित पार्षदों के वार्ड में कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानचंद सनोडिया भेदभाव एवं नियम विरूद्ध प्रस्ताव ला रहे हैं, इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है।
बताया कि 6 अगस्त 2025 को नगरपालिका परिषद सिवनी का विशेष सम्मिलन रखा गया है, जिसमें 58 विषयों को शामिल किया गया है। इन विषयों में लगभग 40 विषय से अधिक निर्माण से संबंधित है, मात्र 2 कांग्रेस के पार्षद के वार्डों में ऐसे कार्य शामिल किए गए हैं जो पूर्व में स्वीकृत थे। करीब 8 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य के प्रस्ताव रखे गए हैं।
कहा कि वर्तमान में सिवनी नगरपालिका परिषद सिवनी की आर्थिक स्थिति इतने राशि के कार्य कराने की नहीं है। कुछ फिजूलखर्ची के विषय लाए गए हंै, जिसमें इलेक्ट्रीक कार किराये से लेने के लिए शासकीय कार्य में लगने वाले वाहन किराये से लेने, 4 नग टै्रक्टर ट्राली, 1 नग जेसीबी मशीन खरीदने के विषय लाए गए हैं। कहा कि पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शफीक खान करीब 3 वर्ष नगरपालिका अध्यक्ष रहे, उन्होंने कभी नगरपालिका से कार लेने का नहीं सोचा। जबकि कार्यकारी अध्यक्ष को अपने उपयोग के लिए नगरपालिका से इलेक्ट्रिक कार चाहिए। कुछ माह पूर्व सिवनी नगरपालिका ने 3 टै्रक्टर खरीदे हैं, 2 जेसीबी मशीन नगरपालिका में कार्यरत है, एक जेसीबी मशीन कचरा उठाती है, दूसरी जेसीबी मशीन अन्य बेगार करती है, नई जेसीबी मशीन लेने का कोई औचित्य नहीं है।
बताया कि आउटसोर्स में 30 कर्मचारी रखे जाने का प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव पर 11 जून 2025 को परिषद द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया, दोबारा इस प्रस्ताव को लाकर कार्यकारी अध्यक्ष आउटसोर्स ठेकेदार कम्पनी को लाभ पंहुचाना चाहते हैं। जबकि कर्मचारियों पर स्थापना व्यय का 65 प्रतिशत खर्च होना चाहिए, वर्तमान में 70 प्रतिशत हो रहा है जोकि नियम के विपरीत है।
कहा कि प्रस्ताव क्रमांक 01 में भवन नामांतरण प्रकरण लाए गए हैं, पूर्व परिषद द्वारा भवन नामांतरण प्रकरण पास करने का अधिकार एक समिति को दे दिया गया था, उनके द्वारा परिषद में उस निर्णय को ठेंगा बताते हुए भंग नही किया गया और नियम विरूद्ध भवन नामांतरण प्रकरणों को स्वीकृति के लिए परिषद में लाया गया। जिस तरह परिषद में 58 प्रस्ताव जिनमें अधिकतर फिजूलखर्ची के प्रस्ताव हैं, इइसे ऐसा लगता है कि कार्यकारी अध्यक्ष सिवनी नगरपालिका को आर्थिक रूप से कमजोर कर नगर विकास अवरूद्ध करना चाहते हैं। हालांकि इस पूरे मामले में भाजपा के पार्षद कांग्रेस समर्थित पार्षदों को विकास के कार्यों में सहयोगी न बनते हुए भ्रामक आरोप लगाने वाला बता रहे हैं।
Published on:
05 Aug 2025 05:35 pm
बड़ी खबरें
View Allसिवनी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
