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अस्पताल में गंदगी देख बोले कलक्टर, उफ! ये गंदगी… तत्काल साफ कराओ

locationटोंकPublished: Oct 06, 2019 06:48:55 pm

Submitted by:

pawan sharma

Hospital inspection: जिला कलक्टर ने सआदत अस्पताल तथा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय पहुंच कर सफाई व्यवस्था का निरीक्षण किया
 

अस्पताल में गंदगी देख बोले कलक्टर, उफ! ये गंदगी... तत्काल साफ कराओ

अस्पताल में गंदगी देख बोले कलक्टर, उफ! ये गंदगी… तत्काल साफ कराओ

टोंक. सरकारी अस्पतालों में यूं तो अव्यवस्थाओं की शिकायतें कई बार लोग करते रहते हैं, लेकिन सआदत अस्पताल तथा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शनिवार सुबह अचानक निरीक्षण करने पहुंचे जिला कलक्टर किशोर कुमार शर्मा भी गंदगी का आलम देखकर चौंक गए। इतना ही नहीं उन्हें तय समय के बाद तक सात चिकित्सा अधिकारी अनुपस्थित मिले।
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उन्होंने पीएम ओनवीन्द्र पाठक को निर्देश दिए कि अनुपस्थित चिकित्साधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा जाए। कलक्टर ने वार्डों का निरीक्षण किया तथा चिकित्सा व्यवस्था के बारे में मरीजों तथा उनके परिजनों से वार्ता की। उन्होंने पूछा कि अस्पताल में व्यवस्था किस प्रकार की है। कहीं कोई असुविधा तो नहीं है।
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उनके साथ अतिरिक्त जिला कलक्टर आनंदीलाल वैष्णव भी थे। दोनों पहले सआदत पहुंचे और बाथरूम तथा शौचालय में गंदगी देख नाराज हो गए। उन्होंने तत्काल सफाई के निर्देश दिए। साथ ही बेड पर गंदी बेडशीट को समय पर धुलवाने को कहा। साथ ही अस्पताल में समय-समय पर सफाई के निर्देश दिए।
एक कम्पाउण्डर, दो दर्जन ढाणी
राजमहल. कस्बे का राजकीय पशु चिकित्सालय में कर्मचारियों के अभाव के कारण पशुुपालकों को पशुओं के उपचार के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां कार्यरत पशु चिकित्सक पिछले कुछ दिनों से अगले 6 माह के लिए छुट्टियों पर चले जाने के कारण पशु पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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पशु पालकों ने बताया कि पशु चिकित्सालय में नियुक्त एक मात्र महिला कंपाउंडर के भरोसे यहां का पशु चिकित्सालय है, जो अधिकांशत: टीकाकरण आदि में व्यस्त रहते हैं, जिससे पशुओं के उपचार के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां के राजकीय पशु चिकित्सालय के अधीन राजमहल व गांवड़ी पंचायत का क्षेत्र आता है, जिसमें लगभग दो दर्जन गांव व ढाणियां है। ऐसे में चिकित्सालय में बीमार पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। वहीं उपचार के लिए चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ रहा है।

भवन का अभाव-
कस्बे का पशु चिकित्सालय भवन महज एक कमरे में संचालित है। जहां पशुओं को ठहराने के लिए भी जगह का अभाव है। बारिश के दौरान भवन में पानी भर जाता है। इससे दवाइयां खराब हो जाती है।
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