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बीसलपुर बांध से बनास में पानी निकासी का टूटा रेकॉड, 50 वें दिन भी पानी की निकासी जारी

locationटोंकPublished: Oct 07, 2019 10:07:35 am

Submitted by:

pawan sharma

Broken record of drainage from Bisalpur: बीसलपुर बांध में अभी भी पानी की आवक जारी है। इस कारण बनास में पानी छोडऩे का सोमवार को 50 वां दिन होगा। ऐसे में पहली बार बीसलपुर बांध के गेट खोलने का अद्र्धशतक (50वां दिन) हो जाएगा।

बीसलपुर बांध से बनास में पानी निकासी का टूटा रेकॉड, 50 वें दिन भी पानी की निकासी जारी

बीसलपुर बांध से बनास में पानी निकासी का टूटा रेकॉड, 50 वें दिन भी पानी की निकासी जारी

टोंक. बीसलपुर बांध में लगातार पानी की आवक ने बनास नदी में पानी निकास का रेकॉड तोड़ दिया है। रविवार को 49वे दिन भी बीसलपुर बांध से बनास नदी में पानी का निकास जारी रहा। बीसलपुर बांध का एक गेट एक मीटर खोलकर 6 हजार क्यूसेक पानी का निकास बनास नदी में रविवार शाम तक जारी है।
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बीसलपुर बांध में जलभराव वाली त्रिवेणी नदी का गेज शाम 6 बजे 2.20 मीटर दर्ज किया गया। ऐसे में बीसलपुर बांध में अभी भी पानी की आवक जारी है। आवक के चलते बनास नदी में पानी छोडऩे का सोमवार को 50 वां दिन होगा। ऐसे में पहली बार बीसलपुर बांध के गेट खोलने का अद्र्धशतक (50वां दिन) हो जाएगा।
इससे पहले वर्ष2016 में 45 दिन तक बीसलपुर बांध से बनास नदी में पानी का निकास किया गया था। तब 9 अगस्त 2016 को बीसलपुर बांध के गेट खोले गए थे, जो 22 सितम्बर 2016 तक जारी थे। इस साल गत 19 अगस्त को बीसलपुर बांध के गेटे खोले गए हैं, जो अभी तक लगातारी जारी है।
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90 टीएमसी बह चुका बनास में पानी
बीसलपुर बांध के सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि इस साल बीसलपुर बांध से बनास नदी में गत 19 अगस्त से अब तक 90 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। हालांकि ये इतना पानी हैकि तीन बार बीसलपुर बांध भर जाए, लेकिन वर्ष 2016 में महज 45 दिनों में ही 135 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा जा चुका था।
इसका कारण था कि वर्ष2016 में पानी की आवक ज्यादा थी। ये आवक महज 45 दिन तक ही रही। ऐसे में गेट कम समय खुले, लेकिन पानी अधिक निकास हो गया। वहीं इस साल पानी की आवक कम होने के साथ लगातार जारी है। इसके चलते आवक को देखते हुए लगातार पानी का निकास जारी है।
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1985 में हुआ था शिलान्यास
टोंक जिले के देवली व टोडारायसिंह उपखण्ड के बीच पहाड़ों के बीच वर्ष 1985 में बीसलपुर बांध का शिल्यान्यास किया गया था। वर्ष 1988 से निर्माण कार्य शुरू हुआ। ये वर्ष 1999 में बनकर तैयार हुआ। बांध के 315.50 आरएल मीटर पूर्ण भराव में 212 वर्ग किमी क्षेत्र आता है। बांध के डूब में 25 पूर्ण रूप व 43 गांव आंशिक रूप से डूब में है। बांध को बनाने का मुख्य कारण अजमेर व जयपुर जिले को पेयजल उपलब्ध कराना है। शेष पानी से टोंक जिले की कुल 81 हजार 800 हैक्टयर भूमि में सिंचाई की जाती है। बांध निर्माण के लिए बीसलपुर बांध परियोजना की ओर से 5 डिवीजन बनाए गए थे। इनमें एक मुख्य अभियंता, 2 अधीक्षण अभियंता, 5 अधिशासी, 25 सहायक अभियंता व 100 कनिष्ठ अभियंताओं का योगदान रहा। वर्ष 1988 में इसका निर्माण शुरू हुआ।
बीसलपुर बांध फैक्ट फाइल-
बांध की भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर
बांध में 38 .70 टीएमसी पानी का होता है भराव
पहली बार पूर्ण जलभराव हुआ 2004 में
पूर्ण जलभराव में जमीन स्तर से 20 मीटर ऊंचाई तक पानी भरता है।
नहर सहित पूरा निर्माण 2002 में
कुल लागत आई 1200 करोड़ रुपए
बांध बनने के बाद पहली बार सूखा 2010 में
2010 में बांध सूखने के दौरान बांध का गेज 298 .6 7 आर एल मीटर का था गेज। जिसमें 0.48 एमसीएफटी पानी रह गया था शेष
07 टीएमसी प्रतिवर्ष वाष्पीकृत पानी
2004 में पहली बार पूरा भरा
2006 दूसरी बार पूरा भरा
2014 तीसरी बार पूरा भरा
2016 चौथी बार पूरा भरा
2019 पांचवी बार पूरा भरा

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