राजस्थान सीमा से सटे नंदगांव (जिला मथुरा) पर सांचौली देवी मंदिर भी भगवान कृष्ण की लीलाओं से आच्छादित है। कालांतर में यह योगमाया शक्ति पीठ हुआ करता था। भगवान के आने से पहले योग माया का प्राकट्य हुआ था। इसे वही स्थान माना गया है। इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने दर्शन के वियोग में तड़पती श्रीराधा रानी को देवी रूप में विराजमान होकर दर्शन दिए। राधा जी के मुख से अपनी सखियों के लिए बरबस यही निकला, सांची अली। अर्था हे सखी आपकी बात सच हो गई। इससे इस स्थान का नाम सांचौली पड़ा। चंद्रावली सांचौली देवी ब्रजधाम की कुलदेवी भी कहा गया है। नवदुर्गा में यहां भव्य मेला लगता है। अपनी कुलदेवी की पूजा के लिए यहां दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं।
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