15 जुलाई 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

Air India Plane Crash: 28 जुलाई तक ग्रहों की विनाशकारी दशा, महामारी, प्लेन क्रैश जैसी घटनाओं की आशंका

Air India Plane Crash astrology: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हो गया। ज्योतिषियों की मानें तो इसके लिए ग्रहों की अशुभ दशाएं जिम्मेदार हैं और यह विनाशकारी स्थिति 28 जुलाई तक बनी रहेगी। आइये जानते हैं किन ग्रहों की अशुभ दशा के दुष्प्रभाव से एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ और कौन सी अशुभ दशा अभी बनी है।

भारत

Pravin Pandey

Jun 13, 2025

Air India Plane Crash astrology news hindi
Air India Plane Crash astrology news hindi: 28 जून तक बना रहेगा वह अशुभ योग जो एयर इंडिया प्लेन क्रैश का बना कारण (Photo Credit: Freepik and Patrika Design)

Air India Plane Crash: ग्रहों की चाल के आधार पर भविष्य की घटनाओं के संकेत को ज्योतिष शास्त्र से समझा जा सकता है। ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास के अनुसार ग्रह गोचर के लिहाज से साल 2025 बेहद महत्वपूर्ण है। इस साल ग्रहों की ऐसी स्थितियां बनी हैं, जो पहले से ही जनधन हानि के संकेत दे रहीं थीं।

ऐसी स्थितियों दशकों पहले और महाभारत काल के समय ही बनी थीं। इस समय क्रूर ग्रहों की युति भी इस खतरे को बढ़ा रही है, जो 7 जून को 51 दिन के लिए बनी है, यानी ग्रहों की ये विनाशकारी दशा 28 जुलाई तक बनी रहेगी। आइये जानते हैं अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश के पीछे कौन सी ग्रहीय स्थितियां थीं और ये कब तक बनी रहेगी ..

ग्रहों की ये स्थिति प्लेन क्रैश के लिए जिम्मेदारः ज्योतिषी

वर्ष 2025 में शनि के बाद राहु केतु और गुरु का राशि परिवर्तन हुआ है। इन दिनों राहु कुंभ राशि में, केतु सिंह राशि में, गुरु मिथुन राशि में और शनि मीन राशि में हैं। साथ ही गुरु अतिचारी हैं, गुरु की यह चाल भीषण हादसे, आपदा जनधन हानि का कारण बनती है। मान्यता है कि महाभारत के समय में भी गुरु अतिचारी थे।


इधर, 7 जून को मंगल ग्रह ने सिंह राशि में प्रवेश किया है। यहां पहले से विराजमान केतु के साथ हुई युति से कुंज केतु योग बना है। इस युति के 51 दिन बाद मंगल के राशि परिवर्तन के साथ यह योग खत्म होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब दो क्रूर ग्रहों की युति होती है तो कुंजकेतु योग बनता है, जो अशुभ होता है।

युद्ध तक के लिए जिम्मेदार होती हैं ये दशा


इसको लेकर ज्योतिष शास्त्र में एक उक्ति प्रचलित है कि 'शनिवत राहु व कुंजवत केतु' अर्थात राहु शनि के सामान और केतु मंगल के सामान फल देता है। मेदिनी ज्योतिष में कहा गया है कि राहु और केतु के राशि और नक्षत्र में गोचर से नकारात्मक घटनाएं जैसे युद्ध अग्निकांड, महामारी, दुर्घटना, वायुयान दुर्घटना, राजनीतिक उठापटक, जातिवाद, धार्मिक उन्माद घटती हैं।


इसी कारण अग्नि तत्व के ग्रह मंगल जो पराक्रम, साहस, शक्ति, ऊर्जा के कारक हैं और छाया ग्रह केतु जो मोक्ष, वैराग्य, आध्यात्म का कारक है, की जब अग्नि तत्व की राशि सिंह में युति हुई, जबकि गुरु पहले से ही अतिचारी (तेज चाल) थे तो ज्योतिषीय आंकलन किए गए थे कि आने वाले समय में प्लेन क्रैश समेत विनाशकारी घटनाएं घट सकती हैं।


मंगल और केतु के भारत के चौथे घर में

चिंता की बात यह है कि मंगल और केतु की युति भारत के फोर्थ हाउस में हुई है। इस तरह एक नहीं दो नहीं तीन-तीन अग्नि तत्व इस समय में भारतवर्ष की कुंडली में चौथे घर में हैं, जो भारत में हादसे की वजह बने।

ये भी पढ़ेंः

इस देवता के अंग से उत्पन्न हुई है चांदी, ज्योतिष शास्त्र से जानें इसके बर्तन के फायदे


गुजरात के मुख्यमंत्री भी थे प्लेन में


एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन में हादसे के समय गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 242 पैसेंजर सवार थे। विमान लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, तभी टेकऑफ के दौरान एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास उसमें धमाका हो गया। इस प्लेन ने दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी। दोपहर 1.40 बजे कस्टम कार्गो ऑफिस के पास यह क्रैश हो गया।

1989 में जब सिंह राशि में कुंज केतु योग बना था तब राजनीति में आया था भूचाल

इससे पहले अगस्त 1989 में मंगल और केतु सिंह राशि में इकट्ठे हुए थे। उस समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री जो वी.पी सिंह थे और इन ग्रहों ने उस समय की राजनीति में भूचाल ला दिया था। यही ग्रहीय स्थिति 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का कारण बनी थी।


28 जुलाई तक बना अशुभ कुंज केतु योग

7 जून से ले कर 28 जुलाई 2025 के बीच में मंगल और केतु की सिंह राशि में युति बनी रहेगी। इस तरह अभी 45 दिन तक यह अशुभ कुंज केतु योग बना रहेगा। ज्योतिषियों का आंकलन है कि इस समय जो भी घटनाएं होंगी वो अपने आप में स्पेशल होंगी।


इन दिनों में जो भी कुछ घटनाक्रम होंगे कई बार वो बीज का काम करेंगे जिसकी फसल आने वाला समय काटेगा और ये फसल भी बड़ी महत्वपूर्ण होगी। ये हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाने वाले समय बनेंगे।

ये भी पढ़ेंः

इन मंत्रों के जप से दूर होते है नवग्रहों के दोष, बढ़ता है सुख-समृद्धि और सौभाग्य

मंगल का शुभ-अशुभ प्रभाव


मंगल के गोचर से प्राकृतिक आपदा के साथ अग्नि कांड भूकंप गैस दुर्घटना वायुयान दुर्घटना होने की आशंका रहती है। इस ग्रह के अशुभ प्रभाव देश के कुछ हिस्सों में हवा के साथ बारिश करा सकते हैं, इनके कारण भूकंप या अन्य तरह से प्राकृतिक आपदा आने की भी आशंका अभी भी है।

डिस्‍क्लेमरः ये आंकलन ज्योतिष गणना के आधार पर एक्सपर्ट द्वारा की गई है। पत्रिका इसका सीधे तौर पर इसका समर्थन नहीं करता है।