
Minister Vijay Shah came out of the assembly after the uproar of Congress MLAs (image-source-patrika.com)
Vijay Shah- कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के बाद से ही हाशिए पर चल रहे मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री विजय शाह को सीएम डॉ. मोहन यादव ने अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें खिवनी अभयारण्य में वन विभाग की कार्रवाई से गुस्साए आदिवासियों को समझाने बुझाने का दायित्व दिया गया है। 23 जून को वन विभाग ने अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की थी जिससे नाराज हजारों आदिवासियों ने शुक्रवार को खातेगांव में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। कई जिलों के आदिवासी डाक बंगला मैदान पर जुटे थे। कांग्रेस इस मुद्दे को जमकर भुना रही है। ऐसे में बीजेपी ने पार्टी के आदिवासी नेता और राज्य के जनजातीय मंत्री विजय शाह को आगे किया है। सीएम मोहन यादव ने उन्हें आदिवासियों का असंतोष थामने की जिम्मेदारी देकर वहां जाने के निर्देश दिए हैं।
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देनेवाली कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इसका देशभर में विरोध हुआ और हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर उनपर एफआइआर दर्ज कराई। बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया था।
कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी से उठे विवाद के बाद मंत्री विजय शाह पार्टी और सरकार से अलग थलग पड़ गए थे। केबिनेट की कई मीटिंग में भी नहीं आए। हाल ही में पचमढ़ी में आयोजित बीजेपी के तीन दिवसीय शिविर में विजय शाह शामिल हुए हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की।
डॉ. मोहन यादव ने मंत्री विजय शाह को खिवनी अभयारण्य भेजने के संबंध में ट्वीट किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा-
खिवनी अभयारण्य, सीहोर-देवास में वन विभाग द्वारा जनजातीय अंचल में की गई कार्रवाई का मामला संज्ञान में आया है। प्रशासन को ऐसी व्यवस्था बनाने के निर्देश दे दिए हैं, जिससे कल्याणकारी योजनाएं पूर्ण हों और संवेदनशीलता भी बनी रहे। माननीय मंत्री श्री विजय शाहजी को मौके पर जाने के लिए निर्देशित किया है।
खिवनी अभयारण्य में 23 जून को वन विभाग ने सख्ती से अतिक्रमण मुहिम चलाई। इससे वनवासी गुस्सा उठे। शुक्रवार को खातेगांव के डाक बंगला मैदान पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया जिसमें आसपास के जिलों के हजारों आदिवासी आ जुटे। खिवनी अभयारण्य देवास और सीहोर जिलों में फैला है। इन दोनों जिलों के साथ ही बैतल, हरदा, खंडवा और खरगोन जिलों के वनवासियों ने भी यहां आकर सरकारी कार्रवाई का विरोध जताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया सहित कई कांग्रेसी और जयस नेताओं ने सभा को संबोधित कर वन विभाग की सख्त कार्रवाई की कठोर शब्दों में आलोचना की। विरोध प्रदर्शन में आदिवासियों के बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कार्रवाई की खिलाफत करने से सरकार दबाव में आ गई है। यही कारण है कि हाशिए पर पड़े आदिवासी वर्ग के मंत्री विजय शाह को ही आदिवासियों को मनाने का जिम्मा दिया गया है।
Updated on:
28 Jun 2025 05:22 pm
Published on:
28 Jun 2025 05:03 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
