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‘भारत-पाक युद्ध हमने रुकवाए’, चीन के दावे पर भड़की कांग्रेस, कहा- हमारा मजाक बना रहे, ये तब पाकिस्तान के साथ थे और…

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। जयराम रमेश ने कहा, ट्रंप और चीन दोनों ने भारत-पाक तनाव में मध्यस्थता का दावा किया है। रमेश ने चिंता जताई कि चीन पाकिस्तान का रक्षा साझेदार है और हथियार सप्लाई करता है। मोदी सरकार ने इन दावों पर चुप्पी साध रखी है।

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भारत

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Mukul Kumar

Dec 31, 2025

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जयराम रमेश ने मोदी सरकार को घेरा (Photo-IANS)

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।

यहां कि युद्ध जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो गई थी। इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाक के बीच युद्धविराम कराने के लिए मध्यस्थता की थी। अब चीन ने भी दावा कर दिया है कि उसने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता करके संभावित युद्ध रुकवाए।

जयराम रमेश ने क्या कहा?

इसको लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जमकर घेरा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अपने एक्स पोस्ट में चीन के दावे पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि बीजिंग के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंध हैं और वह इस्लामाबाद को हथियारों की आपूर्ति करता है।

कांग्रेस नेता ने लिखा- राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाक तनाव को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप किया था। उन्होंने कम से कम सात अलग-अलग देशों में विभिन्न मंचों पर 65 अलग-अलग मौकों पर ऐसा किया है। प्रधानमंत्री ने अपने तथाकथित अच्छे दोस्त द्वारा किए गए इन दावों पर कभी चुप्पी नहीं तोड़ी है।

पाकिस्तान का साथ दे रहा था चीन

रमेश ने आगे कहा- अब चीनी विदेश मंत्री भी इसी तरह का दावा करते हैं और कहते हैं कि चीन ने भी मध्यस्थता की। 4 जुलाई, 2025 को सेना के उप प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत वास्तव में चीन का सामना कर रहा था और उससे लड़ रहा था।

उन्होंने आगे कहा- यह देखते हुए कि चीन निर्णायक रूप से पाकिस्तान के साथ था, भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के चीन के दावे चिंताजनक हैं, न केवल इसलिए कि वे सीधे तौर पर हमारे देश के लोगों को जो बताया गया है, उसके विपरीत हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का ही मजसक उड़ाते हुए प्रतीत होते हैं।

चीन से स्पष्टीकरण मांगने की सलाह

इसके अलावा, रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने चीन के साथ उसकी शर्तों पर बातचीत की है। उन्होंने केंद्र से चीनी विदेश मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगने की भी सलाह दी है।

बता दें कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को कहा कि बीजिंग ने भारत और पाकिस्तान के बीच सहित कई वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।

क्या है चीन का बयान?

उन्होंने कहा- हमने उत्तरी म्यांमार, ईरानी परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान-भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन-इजराइल के बीच मुद्दों और कंबोडिया-थाईलैंड के बीच हालिया संघर्ष में मध्यस्थता की।

भारत का स्टैंड साफ

उधर, भारत ने लगातार किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है, यह कहते हुए कि दोनों देशों के बीच चले टकराव सीधे सैन्य-से-सैन्य संचार के माध्यम से हल किया गया था।

भारत ने कहा है कि इस भारी नुकसान से प्रभावित होकर, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन किया और दोनों पक्ष 10 मई से जमीन और हवा और समुद्र में गोलीबारी व सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हुए।

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