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MP में बिजनेस करना होगा आसान, उद्यमियों को मिलेगी मनचाही जमीन!

msme plot allotment: अब उद्यमियों को उनकी यूनिट के हिसाब से प्लॉट मिलेंगे। MSME विभाग पांच नए औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश से पहले उद्यमियों से मांग के अनुसार राय ले रहा है। (industrial areas)

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भोपाल

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Akash Dewani

Jul 24, 2025

msme plot allotment custom size industrial areas entrepreneurs

msme plot allotment custom size industrial areas entrepreneurs (फोटो सोर्स- freepik)

msme plot allotment: सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग अब अपने नए औ‌द्योगिक क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक उद्यमियों (entrepreneurs) की जरूरत के अनुसार प्लॉट निकालेगा। इसके लिए उ‌द्यमियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। उ‌द्यमियों को जितने बड़े प्लॉट की जरुरत होगी, उतना प्लॉट उन्हें आवंटित किया जाएगा। इसकी शुरुआत पांच नए औ‌द्योगिक क्षेत्रों से की जा रही है। इससे विभाग को भी जमीन आवंटन में आसानी होगी और उ‌द्यमियों को भी उनके उत्पादों की जरुरत के अनुसार प्लॉट मिल सकेगा।

5 नए इंडस्ट्रियल एरिया पर काम शुरू

एमएसएमई विभाग ने हाल ही में पांच नए औ‌द्योगिक क्षेत्रों के विकास का काम शुरु किया है। लेकिन इन ले-आउट जारी कर सबसे पहले उ‌द्यमियों से राय मांगी गई है कि उन्हें कितना बड़ा प्लॉट चाहिए। औ‌द्योगिक क्षेत्र के उद्यमी अपने उत्पाद और यूनिट की जरूरत के अनुसार प्लॉट साइज तय करा सकेंगे। इससे उन्हें अपनी जरूरत के अनुसार जमीन मिल सकेगी। एक बार प्लॉट कट जाने पर उसे तोड़ने में बाद में काफी परेशानी होती है। इसलिए विभाग ने यह कवायद शुरू की है। (industrial areas)

एमपी में मौजूद है 208 औ‌द्योगिक क्षेत्र

प्रदेश में एमएसएमई विभाग के 6500 हेक्टेयर में 208 विकसित औ‌द्योगिक क्षेत्र हैं। एमएसएमई में प्रदेश में अभी 18 लाख से अधिक उद्यम रजिस्टर्ड हैं। इनमें सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के हैं। इन उ‌द्योगों में प्रदेश के लगभग 94 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। पहले ट्रेडिंग यूनिट एमएसएमई में शामिल नहीं था, लेकिन वर्ष 2021 में इसे शामिल किया गया। इसके बाद थोक और खेरची ट्रेड करने वाले व्यापारी भी इसमें पंजीकृत हो रहे हैं। इससे औ‌द्योगिक क्षेत्रों में इनकी संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। (industrial areas)

मांगे गए उद्यमियों से सुझाव

एमएसएमई विभाग आयुक्त दिलीप कुमार ने बताया कि द्वारा विकसित किए जा रहे पांच नए औ‌द्योगिक क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक उद्यमियों से सुझाव मांगे गए हैं कि उन्हें अपने उत्पाद के अनुसार कितने क्षेत्रफल का प्लॉट चाहिए। इससे बाद में प्लॉट साइज की परेशानी नहीं आएगी और उ‌द्यमियों को भी उनकी जरूरत के अनुसार जमीन मिल जाएगी।

मिलेंगे ये प्रोत्साहन

  • संयंत्र, मशीनरी और भवन निर्माण के लिए निवेश का 40 प्रतिशत तक उ‌द्योग विकास सब्सिडी।
  • गुणवत्ता प्रमाणन के लिए 25 लाख तक की सहायता।
  • उत्पादों के निर्यात के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन ।
  • ऊर्जा ऋण के लिए 25 लाखतक की सहायता।
  • पेर्टेट/आईपीआर पंजीकरण के लिए 25 लाख तक की सहायता।
  • एलुएंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए 2 करोड़ तक सहायता।

इन औ‌द्योगिक क्षेत्रों के लिए मांगे सुझाव

जिला - क्षेत्र - क्षेत्रफल

आगर मालवा - आकली - 90100
बालाघाट- कनकी - 128530
कटनी - टिकरया तखला - 195200
टीकमगढ़ - सुनौरा खिरिया - 78783
रीवा - घूमा - 85000

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