
बायोमाइनिंग से चेन्नई के कोडंगयूर और पेरुंगुडी डंपयार्ड में कचरा साफ, 100.29 एकड़ भूमि नगर निगम को मिली
चेन्नई में बायोमाइनिंग तकनीक की मदद से कोडंगयूर और पेरुंगुडी डंपयार्ड से अब तक 48.41 लाख मीट्रिक टन कचरा हटाकर 100.29 एकड़ भूमि नगर निगम ने पुनः प्राप्त की है। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से शहर के पर्यावरण और भूमि उपयोग में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन के अनुसार, पेरुंगुडी डंपयार्ड जो 250 एकड़ क्षेत्र में फैला है, वहां 225 एकड़ में करीब 27.50 लाख मीट्रिक टन कचरा जमा था। यहां 2022 में 350.65 करोड़ रुपए की लागत से छह पैकेज के तहत बायोमाइनिंग कार्य शुरू हुआ। अब तक 26.35 लाख मीट्रिक टन कचरा हट चुका है और 94.29 एकड़ भूमि पुनः प्राप्त की जा चुकी है। शेष कचरा हटाने का कार्य अभी भी जारी है।
कोडंगयूर डंपयार्ड में 2024 में 641 करोड़ रुपए की लागत से बायोमाइनिंग शुरू की गई। यहां 252 एकड़ में 66.52 लाख मीट्रिक टन कचरा जमा था, जिसमें से अब तक 22.06 लाख मीट्रिक टन कचरा प्रोसेस किया जा चुका है। पैकेज 1, 2, 4 और 6 के तहत लगभग छह एकड़ भूमि पुनः नगर निगम को मिली है।
नगर निगम ने कोडंगयूर डंपयार्ड की पुनः प्राप्त भूमि के तीन एकड़ हिस्से पर 57 लाख रुपए की लागत से फेंसिंग, ड्रिप सिंचाई और 1,500 पौधे लगाकर ग्रीन जोन विकसित करने का कार्य शुरू किया है। इससे क्षेत्र में हरियाली बढ़ेगी और स्थानीय पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकेगा।
चेन्नई में रोजाना करीब 6,300 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है, जो 426 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले एक करोड़ निवासियों और यात्रियों से आता है। वर्षों तक शहर के ज़ोन 1-8 का कचरा कोडंगयूर और ज़ोन 9-15 का कचरा पेरुंगुडी डंपयार्ड में डंप होता रहा। शहरी विकास के चलते इन डंपयार्ड्स पर कचरे का अंबार लग गया, जिसे हटाने के लिए नगर निगम ने बायोमाइनिंग प्रक्रिया को अपनाया।
पेरुंगुडी और कोडंगयूर डंपयार्ड में शेष कचरा हटाने का कार्य जारी है। बायोमाइनिंग के जरिए चेन्नई नगर निगम न केवल कचरा प्रबंधन में सफल हो रहा है, बल्कि पुनः प्राप्त भूमि का हरित क्षेत्र में रूपांतरण भी कर रहा है।
Published on:
11 Dec 2025 04:49 pm
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