
भारत में बढ़ रहे COVID मामले, बुखार और पेट की समस्याओं के अनोखे लक्षण (फोटो सोर्स : Freepik)
JN.1 COVID Wave in India : भारत सहित कई देशों में कोविड-19 एक बार फिर वापसी कर रहा है। 2019 से 2022 तक दुनिया में तबाही मचाने के बाद यह वायरस धीरे-धीरे एशिया में लौट रहा है, सिंगापुर और हांगकांग में पिछले कुछ हफ्तों में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। भारत में भी हाल ही में देश के अलग-अलग हिस्सों में NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट के मामले बढ़ते हुए देखे गए हैं।
भले ही सरकार के अनुसार यह बीमारी अभी भी एक स्थानिक बीमारी (Endemic) है और (फिलहाल) कोई तत्काल खतरा पैदा नहीं करती, लेकिन सवाल ये है कि ये नए वेरिएंट क्या हैं और ये बाकी वेरिएंट से अलग कैसे हैं? जहाँ JN.1 वेरिएंट में पिछले ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट जैसी कई समानताएं हैं, वहीं इसके दो खास लक्षण हैं जो इसे दूसरों से अलग बनाते हैं: आइए जानते हैं जयपुर से फिजिशियन डॉक्टर अनिल शर्मा से क्या है ये नया वायरस और नए लक्षण दिखें तो क्या करें।
JN.1 दरअसल ओमिक्रॉन का ही एक उप-वेरिएंट है. ये BA.2.86 वेरिएंट, जिसे पायरोला भी कहते हैं से ही बना है. इसे सबसे पहले 2023 में लक्जमबर्ग में देखा गया था और तब से ये धीरे-धीरे दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैल गया है, और अब भारत में भी आ गया है.
कहा जाता है कि JN.1 पिछले वेरिएंट्स से ज्यादा तेजी से फैलता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ खास बदलाव (म्यूटेशन) हुए हैं, जिनकी वजह से ये इंसानों से आसानी से जुड़ पाता है. आसान भाषा में कहें तो, ये हमें पहले से ज़्यादा आसानी से संक्रमित कर सकता है.
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- बुखार या ठंड लगना
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- थकान
- सिरदर्द
- नाक बहना या बंद होना
- मांसपेशियों में दर्द
- साँस लेने में दिक्कत (गंभीर मामलों में)
पहले के कोविड वेरिएंट में जहाँ तेज़ बुखार, पसीना और कंपकंपी आम थी, वहीं JN.1 के इन्फेक्शन में अक्सर लगातार हल्का बुखार रहता है. ये आमतौर पर 37.6 ∘ C से 38.1 ∘ C (99.6−100.5 ∘ F) के बीच होता है. इस बुखार में आपको तेज़ साँसें चलना या छूने पर शरीर का बहुत गर्म लगना जैसे लक्षण नहीं दिखेंगे.
आपको कुछ दिनों तक हल्का गर्म महसूस हो सकता है, लेकिन पहले की कोविड लहरों की तरह बुखार बहुत तेजी से ऊपर-नीचे नहीं होगा.
इस लक्षण को आसानी से नज़रअंदाज़ किया जा सकता है, या इसे हल्की थकान या किसी और छोटी-मोटी बीमारी समझा जा सकता है. लेकिन ये लगातार हल्का बुखार बताता है कि शरीर वायरस से लड़ रहा है, बस पहले से कम ज़ोरदार तरीके से. इसे पहचानना ज़रूरी है ताकि आप जल्दी टेस्ट करवा सकें और दूसरों को फैलने से रोक सकें.
JN.1 का एक और लक्षण जो इसे दूसरों से अलग करता है, वह है पेट से जुड़ी समस्याओं का ज़्यादा होना. इसमें मतली (उबकाई), भूख न लगना, पेट में बेचैनी और दस्त शामिल हैं. हालाँकि पेट संबंधी लक्षण पहले भी कोविड-19 वेरिएंट में थे, लेकिन वे कम आम और अक्सर हल्के होते थे. JN.1 में ये लक्षण ज़्यादा प्रमुख हैं और ज़्यादा मरीज़ों में दिख रहे हैं.
जयपुर जे फिजिशियन डॉक्टर अनिल शर्मा का मानना है कि ऐसा वायरस के शरीर में काम करने के तरीके या पेट की रोग प्रतिरोधक क्षमता (gut’s immune system) के साथ उसकी प्रतिक्रिया में बदलाव के कारण हो सकता है. पेट संबंधी लक्षण कभी-कभी साँस संबंधी लक्षणों जैसे खांसी और गले में खराश के साथ या उनसे पहले भी दिखाई दे सकते हैं, जो पिछली स्ट्रेन से अलग है. अच्छी बात ये है कि इस स्ट्रेन में अभी तक कोई बड़ी साँस संबंधी समस्याएँ नहीं देखी गई हैं.
कोविड-19 अब एक मौसमी वायरस की तरह बर्ताव कर रहा है, लेकिन इसके नए वेरिएंट अभी भी तेज़ी से फैल सकते हैं. इसलिए घबराए बिना सावधान रहें.
भीड़ वाली या जहां हवा का आना-जाना कम हो, ऐसी जगहों पर मास्क पहनें ताकि खतरा कम हो सके. खासकर जब बीमारी फैल रही हो या अगर आप खुद बीमार महसूस कर रहे हों.
अपने हाथ नियमित रूप से धोएं और अगर बीमार हों तो किसी के ज़्यादा करीब जाने से बचें. ये आसान तरीके बीमारी को फैलने से रोकने में मदद करते हैं.
टीकाकरण और बूस्टर डोज बहुत अहम हैं, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से कोई बीमारी है.
अगर लक्षण दिखें, तो तुरंत टेस्ट करवाएँ ताकि आप खुद को अलग कर सकें और बीमारी को आगे फैलने से रोक सकें.
कार्यस्थलों, स्कूलों और सार्वजनिक जगहों पर हमेशा अच्छी वेंटिलेशन (हवा का आना-जाना) और साफ-सफाई होनी चाहिए.
सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का पालन करें और कोविड की थकान को लापरवाही में बदलने न दें. वायरस को संभालना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है.
Updated on:
27 May 2025 11:19 am
Published on:
27 May 2025 11:17 am
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