script‘बंटी-बबली’ ने एक ही व्यक्ति से सात महीने में 125 बार में ठग लिए 17 लाख रुपए | fraud of 17 lakh rupees with engineer in 125 times | Patrika News

‘बंटी-बबली’ ने एक ही व्यक्ति से सात महीने में 125 बार में ठग लिए 17 लाख रुपए

locationइंदौरPublished: Aug 26, 2019 10:49:28 am

साइबर क्राइम : एचआरडी मिनिस्ट्री में 1.10 लाख के वेतन की नौकरी का दिया लालच, मुंबई के दंपती गिरफ्तार- भोपाल के अखलाक से भी ठगे डेढ़ लाख रुपए, 14 अन्य लोगों को मिलाकर अब तक एक करोड़ की धोखाधड़ी की – विमान का टिकट देकर इंजीनियर को देशभर के सरकारी ऑफिसेस में लगवाए चक्कर- पीडि़त कई आईएएस अफसरों से भी मिला लेकिन किसी को नहीं हुआ शक- अशोक चक्र का उपयोग कर सरकारी से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर

‘बंटी-बबली’ ने एक ही व्यक्ति से सात महीने में 125 बार में ठग लिए 17 लाख रुपए

‘बंटी-बबली’ ने एक ही व्यक्ति से सात महीने में 125 बार में ठग लिए 17 लाख रुपए

इंदौर. सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले दंपती ( बंटी-बबली ) को साइबर सेल ने पकड़ा। आरोपी दंपती ने इंदौर के युवा इंजीनियर ( engineer ) को एचआरडी मिनिस्ट्री ( hrd ministry ) में असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर ( manager ) पद पर नियुक्ति देने का झांसा देकर सवा सौ बार अलग-अलग बहाने से करीब 17 लाख रुपए ठगे। झांसे में लेने के लिए इंजीनियर को विमान का टिकट और होटल में ठहारने के साथ देशभर में कई सरकारी विभागों में पहुंचाया। इन यात्राओं के दौरान इंजीनियर आईएएस ( IAS ) अफसरों से भी मिला लेकिन किसी को फर्जीवाड़े पर शंका नहीं हुई।
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साइबर सेल ने धोखाधड़ी के मामले में सोहेल अहमद पिता स्व. अफज़ल अहमद मूल निवासी लखनऊ हाल मुकाम मुंबई तथा जाहिरा रफीक पति सोहेल अहमद को गिरफ्तार किया। इनके पास से दो लैपटॉप, मोबाइल फोन व सिम कार्ड, बैंक पासबुक जब्त किया। द्वारकापुरी में रहने वाले इंजीनियर हर्षित पिता आनंद भारद्वाज ने 8 जुलाई को नौकरी के नाम पर 17 लाख 11 हजार की ठगी की शिकायत की, जिस पर केस दर्ज किया गया। सोहेल इसके पहले भोपाल के सैयद अखलाक अहमद से भी डेढ़ लाख ठग चुका है। अन्य 14 लोगों की सूची भी मिली है, जिनसे करीब एक करोड़ ठगी हुई है। सोहेल दो बार आंध्रप्रदेश व एक बार गांधीनगर गुजरात में गिरफ्तार भी हो चुका है।
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डॉक्टर के नाम से जारी किया विज्ञापन

साइबर सेल के एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, हर्षित ने शिकायत में बताया कि जनवरी 2019 में एचआडी मिनिस्ट्री के सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज वर्ग के असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया। आईएएस डॉ. अवनीश कुमार गर्ग के नाम से यह विज्ञापन था। हर्षित ने बताए मेल एड्रेस पर बॉयोडाटा भेजा तो वहां से नियुक्ति पत्र आ गया। हर्षित को जिस पद पर नियुक्ति दी थी, उसमें सभी कटौत्रे के बाद 1 लाख 10 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन बनता था। उसे बताया गया कि केंद्र सरकार की मनरेगा सहित जितनी भी योजनाएं हैं, उनकी राज्य सरकार के ऑफिसों में जाकर समीक्षा व मूल्यांकन करना होगा।
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वेरिफिकेशन निगेटिव बताकर फिर मांगे रुपए

एचआरडी मिनिस्ट्री से एडिशनल डायरेक्टर रणविजय सिंह व प्रोग्राम डायरेक्टर कीर्ति तिवारी के नाम से हर्षित से बात होती थी। नियुक्ति पत्र ईमेल पर भेजा, पीडि़त के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके बाद ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग बहानों से 5-5 हजार, 10 हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए। एफडी कराने, किसान विकास पत्र खरीदने, केंद्र सरकार के वैल्यू कार्ड खरीदने, बीमा कराने, शिफ्टिंग एलाउंस, पेंशन रजिस्ट्रेशन, प्रॉविडेंट फंड, इनकम टैक्स, बैंक चार्ज, बांड के नाम पर कभी 5 हजार, कभी 24604, कभी 19733 तो कभी 40 हजार रुपए जमा कराए। इस तरह से बैंक खातों में 125 बार में 17 लाख रुपए ठगे। 2-3 जुलाई को वेरिफिकेशन निगेटिव होने का झांसा देकर और पैसा मांगा तो फरियादी साइबर सेल के पास पहुंचा।
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प्रशिक्षण के नाम पर पूरा देश घुमाया

आरोपियों ने जो वेबसाइट बनाई, उसमें गवर्नमेंट डोमेन (जीओवी डॉट इन) का उपयोग करते हुए फर्जी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीडीएस-जीओवी. इन बनाई। हुबहू सरकारी वेबसाइट से नाम मिलने से कोई शंका नहीं करता था। वेबसाइट पर उसने अशोक चक्र, सरकारी मोनो व स्किल इंडिया भी लिखा है। आरोपी हर्षित से मिले नहीं, सिर्फ फोन व ई मेल से संपर्क में रहते थे। उन्होंने नियुक्ति पत्र भेजने के बाद ज्वाइनिंग व प्रशिक्षण के लिए हर्षित को कलेक्टर कार्यालय इंदौर, वल्लभ भवन भोपाल, शास्त्री भवन दिल्ली, सचिवालय जयपुर, राजस्थान के कई डीएम कार्यालय, एमएसएमई कार्यालय तेलंगाना, गुवाहाटी आदि जगह भेजा।
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वहां जाने के लिए बाकायदा विमान का टिकट व होटल बुकिंग भेजी जाती थी। जो 17 लाख रुपए लिए वह भी लौटाने का दावा होता था जिससे शंका नहीं हुई। हर्षित ने बताया वह हैदराबाद में प्रमुख सचिव व जयपुर सचिवालय में आईएएस अफसरों से मिला। आरोपी वहां फरियादी के जाने के पहले मेल कर देता था जिससे शंका नहीं हुई। जयपुर व सीकर में वह एडीएम से मिला। इंदौर कलेक्टोरेट में कलेक्टर के पीए से मिला और ट्रेनिंग के लिए दस्तावेज दिए थे।
पिता जेएनयू के प्रोफेसर रहे, उन्हीं की संस्था के जरिए की ठगी

एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, छानबीन के बाद गिरफ्त में आए सोहेल अहमद के पिता जेएनयू दिल्ली में समाजशास्त्र के प्रोफेसर थे। उन्होंने सीएसडीएस संस्था बनाई थी जो सरकारी योजनाओं की निगरानी करती थी। 2008 में उनका निधन हो गया। आरोपी ने फार्मा एजेंसी शुरू की लेकिन बंद करना पड़ी, उसे काफी कर्ज हो गया। 2016 में उसने पिता की संस्था के नाम से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया।
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सोहेल तीसरी पत्नी के साथ रहता है मुंबई में

आरोपी जाहिरा उसकी तीसरी पत्नी है। पहली पत्नी से तलाक हो चुका है, दूसरी पत्नी रिटायर्ड ब्रिगेडियर की बेटी है जो दिल्ली में रहती है। तीसरी शादी जाहिरा से की, जिसके साथ मुंबई में रहता है। तीन जगह मकान है और लग्जरी लाइफ जीने का आदी है। आरोपी ग्रेजुएट है जबकि पत्नी एमबीए। सरकारी विभाग में रणविजय व कीर्ति नाम के अफसर पहले थे इसलिए आरोपी ने उनके नाम का इस्तेमाल किया।
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इंदौर में भी रहा 3 महीने

हर्षित से लाखों ठगने के बाद आरोपी को लगा कि वह मप्र में काफी सफल हो सकता है। वहां मई से जुलाई तक इंदौर में वॉलमार्ट पार्क व ओशियन पार्क में किराए से भी रहा।
नौकरी की तलाशते समय इन बातों का रखें ध्यान

– ऑनलाइन जॉब सर्च करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि संबंधित वेबसाइट कहीं फर्जी तो नहीं।
– किसी भी सरकारी विभाग द्वारा सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए नहीं लिए जाते ।
– सरकारी नौकरी के लिए संबंधित विभाग के शासकीय पोर्टल/ वेबसाइट अथवा समाचार पत्रों मे नौकरी के लिए विज्ञप्ति दी जाती है।
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